सिकंदर हयात
हिंदी प्रदेशो का ये इतिहास रहा हे खासकर यूपी बिहार का की हम लोग संकीर्ण उपराष्ट्रवाद में या प्रान्तीयता में दिलचस्पी नहीं लेते हे मगर इस बार संकीर्णता और प्रान्तीयता से दूर रहते हुए भी बिहार की जनता से अपील हे की वो गंभीरता से बिहार के एक आदमी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए आगे बढ़ाय और सभी लोग सब बाते भुलाकर एकजुट होकर अपने राज्य के एक आदमी आदमी को पी एम पद के लिए आग़े बढ़ाय
इन विधानसभा चुनावो में बिहार की जनता को चाहिए की वो नितीश कुमार को वोट करे केवल इसलिए नहीं की वो सी एम के लिए उमीदवार हे बल्कि बिहार की जनता को सोचना चाहिए और ये सोच कर उन्हें वोट करना चाहिए की वो बिहार से पहले पी एम के लिए भी नितीश को वोट कर रही हे हमें यह नहीं भूलना चाहिए की मोदी जी ने तीसरी बार विधानसभा के चुनाव के समय से ही खुद को पी एम के लिए प्रोजेक्ट करके चुनाव लड़ा था तभी से गुजरातियो ने एक गुजराती को ही पी एम बनाने के लिए उन्हें पूरा पूरा समर्थन दिया भले ही वो इस पद के योग्य ना थे ना हे मोदी जी एक संकीर्ण साम्प्रदायिक असवेन्दनशील और असहिष्णु किस्म के शख्स हे परिवारविहीन जीवन जीने के कारण उन्हें जनता के सुख दुःख का कोई तजुर्बा ही नहीं हे इसी कारण उनमे संवेदनाओ की कमी सी ही लगती हे जो कई बार ज़ाहिर हो चुकी हे ( हाल ही में जब केवल भारत में ही नहीं बल्कि सारी दुनिया दादरी में एक बुजुर्ग की कुरुरता पूर्ण हत्या पर रो रही थी तब वो बजाय उस घटना के अपने एक खतरे से बाहर घोषित नेता के लिए अधिक चिंतित थे )
संवेदनाओ की इतनी कमी भारत जैसे विविधतापूर्ण और समस्याओ से ग्रस्त देश को चलाने के लिए उचित नहीं हे जैसा की सब जानते ही हे की उन्हें पी एम बनाने के लिए साम्प्रदायिक और पूंजीवादी शक्तियों ने पूरा पूरा साथ दिया नतीजा देश में महगाई और साम्पर्दयिकता की बाढ़ सी आ गयी हे फिर गुजरात से पहले भी मोरारजी देसाई पी एम बन चुके ही थे फिर भी गुजरातियो ने बेहद उत्साह के साथ एक गुजराती मोदी जी को पी एम के लिए पूरा पूरा समर्थन किया तो बिहार के लोगो को भी ही सोचना चाहिए की बिहार से अगर कभी भी कोई आदमी अगर पहला पी एम बन सकता हे सारी दुनिया में बिहार का डंका बजा सकता हे कभी ना कभी तो वो सिवाय नितीश कुमार के भला और कौन हो सकते हे ?
नितीश कुमार एक पढ़े लिखे उच्च शिक्षित पारिवारिक इंसान हे अच्छे प्रशासक हे शुद्ध सेकुलर हे उदारवादी हे सहिष्णु हे उनका बिहार को अन्धकार से निकाल कर लाना मोदी जी का बहुत पहले से ( हज़ारो साल से ) चमकते गुजरात को और अमीर बना देने के मुकाबिल बहुत बड़ा कारनामा था ये कारनामा अभी ठीक से पुरे भारत की जनता तक नहीं पंहुचा हे गलती ये हो गयी की ईमानदारी के कारण और बड़े पूंजीपतियों की चाकरी ना करने के कारण उनके पास दुसरो की तरह हज़ारो करोड़ का बजट ना था की वो इसका अँधा प्रचार कर सके वैसे करना भी नहीं चाहिए क्यों कही से भी अँधा पैसा लेकर अँधा प्रचार करने की कीमत भी अंत में जनता को ही देनी पड़ती हे जो हम इस समय पुरे देश में देख ही रहे हे नितीश कुमार को सी एम और फिर पी एम बनने के लिए पूंजीपतियों के उन हज़ारो करोड़ की जरुरत नहीं हे जो बाद में जनता का खून चूस कर कई गुना वापस करने पड़ते हे उसके लिए बिहार की जनता का इस बार का सपोर्ट ही काफी हो सकता हे याद रखिये की अगर आप इस समय नितीश कुमार को समर्थन करेंगे तो वो सीधे सीधे पी एम पद के उमीदवार बन जाएंगे ये केवल बिहार के लिए ही नहीं बल्कि पुरे देश के लिए जरुरी हे क्योकि ये साफ़ दिख रहा हे की सभी ''तानोशाहो '' के इतिहास की तरह ही मोदी जी भी अपने कार्यकाल में काफी सारी बड़ी और बढ़ी हुई समस्याएं ही छोड़ जाएंगे जैसे बढ़ती महगाई बढ़ती साम्प्रदायिकता बेरोजगारी गैर बराबरी की इंतिहा सीमा पर तनाव लोकतान्त्रिक सनस्थाओ की कमजोरी आदि यानी 2019 में कई समस्या बेहद विकराल रूप में कड़ी होगी उस समय या उसके बाद भी केवल नितीश कुमार जैसा अनुभवी अच्छा प्रशासक और उदारवादी नेता ही इन समस्याओं पर काबू पा सकेगा वर्ना हालात और खराब हो सकते हे बिहार की जनता ने पहले भी अपना अपना भारी नुकसान करके भी 1857 1942 74 में अपना फ़र्ज़ निभाया था
आज भी कुछ कुछ वैसे ही हालात हे धमकिया भी मिल ही चुकी हे की अगर नितीश को जिताया तो पैकेज नहीं मिलेंगे आदि उमीद हे की बिहार की जनता इन धमकियों से पहले की तरह इस बार भी डरेगी नहीं इस बार भारत को मोदीवाद से आज़ादी चाहिए और अगर आप इस चुनाव में नितीश को जिताते हे तो ये एक बड़ी क्रांति की ही शुरुआत ही होगी उमीद हे की बिहार की जनता फिर क्रांति की शुरुआत करेगी नितीश कुमार ये चुनाव जीतते ही राष्ट्रिय स्तर के नेता और अगले पी एम के दावेदार बन जाएंगे और देश की एकता अखंडता के लिए खतरा बन रही और जनता को शोषण कर रही ताकतों के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन जायेगे उमीद हे बिहार की जनता इन सब बातो को ज़हन में रख कर वोट करेगी शुक्रिया .
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