आइपीएफ ने उ0 प्र0 सरकार से कहा है कि सोनभद्र में खनन कराने के लिए बड़े पैमाने पर विस्फोटक अवैध ढ़ग से रखे जाते है लेकिन उ0 प्र0 सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जबकि इस सम्बंध में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी 27 फरवरी 2012 में दस मजदूरों की मौत अवैध खनन के कारण हुई थी और उसके बाद भी आए दिन निरीह मजदूर मरते रहते है। केन्द्र व राज्य सरकारों की विभिन्न जांच एजेंसियों तक ने यह माना है कि इस क्षेत्र में अब खनन नहीं किया जा सकता बाबजूद इसके सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय के आदेशों और खान सुरक्षा निदेशालय के निर्देशों का खुले आम उल्लंधन करके अवैध खनन बदस्तूर जारी है। इसलिए तत्काल प्रभाव से यहां खनन पर रोक लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि आज आइपीएफ की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया है।
18.10.15
सरकार बताए कि सोनभद्र में कैसे और किसके आदेश पर रखे गए विस्फोटक : आइपीएफ
लखनऊ । सोनभद्र में रासपहाड़ी खनन क्षेत्र में हुए विस्फोट में आठ मजदूरों की मौत की उच्चस्तरीय जांच कराने, दोषियों को दण्ड़ित करने, मृतक व घायलों को मुआवजा देने और अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग आज आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) ने की है। इस सम्बंध में आइपीएफ ने आज राज्यपाल महोदय को पत्रक भेजा। आइपीएफ के प्रदेश संगठन महासचिव दिनकर कपूर ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि उ0 प्र0 सरकार को बताना चाहिए कि वहां इतने बड़े पैमाने पर विस्फोटक कैसे और किसके आदेश पर रखा गया था।
आइपीएफ ने उ0 प्र0 सरकार से कहा है कि सोनभद्र में खनन कराने के लिए बड़े पैमाने पर विस्फोटक अवैध ढ़ग से रखे जाते है लेकिन उ0 प्र0 सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जबकि इस सम्बंध में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी 27 फरवरी 2012 में दस मजदूरों की मौत अवैध खनन के कारण हुई थी और उसके बाद भी आए दिन निरीह मजदूर मरते रहते है। केन्द्र व राज्य सरकारों की विभिन्न जांच एजेंसियों तक ने यह माना है कि इस क्षेत्र में अब खनन नहीं किया जा सकता बाबजूद इसके सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय के आदेशों और खान सुरक्षा निदेशालय के निर्देशों का खुले आम उल्लंधन करके अवैध खनन बदस्तूर जारी है। इसलिए तत्काल प्रभाव से यहां खनन पर रोक लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि आज आइपीएफ की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया है।
आइपीएफ ने उ0 प्र0 सरकार से कहा है कि सोनभद्र में खनन कराने के लिए बड़े पैमाने पर विस्फोटक अवैध ढ़ग से रखे जाते है लेकिन उ0 प्र0 सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जबकि इस सम्बंध में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी 27 फरवरी 2012 में दस मजदूरों की मौत अवैध खनन के कारण हुई थी और उसके बाद भी आए दिन निरीह मजदूर मरते रहते है। केन्द्र व राज्य सरकारों की विभिन्न जांच एजेंसियों तक ने यह माना है कि इस क्षेत्र में अब खनन नहीं किया जा सकता बाबजूद इसके सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय के आदेशों और खान सुरक्षा निदेशालय के निर्देशों का खुले आम उल्लंधन करके अवैध खनन बदस्तूर जारी है। इसलिए तत्काल प्रभाव से यहां खनन पर रोक लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि आज आइपीएफ की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया है।
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