19.3.16
भास्कर के बजाय सन्मार्ग के रिपोर्टर कहलाना पसंद करते है मोतिहारी में भास्कर के रिपोर्टर
रक्सौल। भास्कर चाहे अपनी ब्रांडिंग जितनी कर ले, लेकिन बिहार में इसके अपने रिपोर्टर तक इसे भाव नहीं दे रहे है। हद तो यह है की भास्कर के रिपोर्टर भी सन्मार्ग जैसे फ्रेंचैजी अखबार का रिपोर्टर कहलाना पसंद कर रहे है। जबकि पैसा भास्कर से लेते है। ताज़ा मामला सुगौली- संधि के दो सौ वर्ष पुरे होने पर आयोजित शताब्दी समारोह का है।
4 मार्च को प्रेस क्लब सुगौली व पत्रकार अनुरंजन झा के संस्था भोर द्वारा आयोजित होनेवाले इस कार्यक्रम में बने तोरण द्वार पर जिले के सभी अख़बारों के जिला के व स्थानीय संवादाताओं का नाम लिखा गया है। रक्सौल से भास्कर के रिपोर्टर के तौर पर विनोद कुमार सिंह कार्यरत है, लेकिन इन्होने तोरण द्वार पर भास्कर के रिपोर्टर लिखने के बजाय सन्मार्ग का रिपोर्टर लिखवाना पसंद किया। सूत्रों की माने तो दल्लागिरी इनका पेशा है और इनका मनना है कि भास्कर के रिपोर्टर के तौर पर अभी बाज़ार में भाव नहीं मिलेगा, क्योंकि भास्कार अभी मोतिहारी में लांच नहीं हुआ है। इसलिए वे मोतिहारी में ही रहते है और सन्मार्ग, इंडिया न्यूज, दवाखाना सहित जमीन के धंधे से जुड़े है। प्रभात खबर के प्रभारी रूप में इन्हें वर्षों पूर्व वितीय हेराफेरी में हटाया गया था।
भास्कर के सुगबुगाहट के साथ ही इन्होने इसके मोतिहारी प्रभारी के लिए हाथ पांव मारना शुरू कर दी थी, लेकिन प्रतिद्वंदिता में इनका जूनियर बजी मार लिया। अंततः अपने साले की पैरवी में एक अच्छे लिखने वाले रिपोर्टर दीपक अग्निरथ को हटाकर रक्सौल से अपनी जगह बनाई है। इनका अगला निशाना मोतिहारी है और इसके लिए इन्होने अभी से प्रभाव का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इन्होने प्लान को फुलप्रूफ करने व भास्कर प्रबंधन के आँखों में धुल झोकने के लिए अपनी पत्नी को कागजी तौर पर सन्मार्ग का ब्यूरो बनावा दिया है। अब देखना है की गुरु -चेला की भिडंत में बजी कौन मारता है?
ANIKET KUMAR SINGH
aniketsakrar@gmail.com
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