15.11.16

दैनिक भास्कर इंदौर में बैठने वाले ग्रुप एडीटर की बेटी की शादी में सारा स्टाफ लगा तीमारदारी में!

  • ग्रुप एडीटर के घर में बनाया गया मीडिया रूम
  • ऑफिस के कंप्यूटर से लेकर प्रिंटर तक पहुंचे ग्रुप एडीटर के घर
  • 10 दिसंबर को है शादी, कुछ दिनों से कुछ कर्मचारी कलपेश के घर में बने मीडिया रूम में बैठकर ही काम कर रहे हैं


दैनिक भास्कर के ग्रुप एडीटर कलपेश याग्निक की बेटी की शादी है। कलपेश भास्कर का नेशनल न्यूजरूम देखते हैं। शादी से लगभग एक महीना पहले ही उन्होंने पूरे स्टाफ को शादी के कार्ड बांटनें में लगा दिया। उनके पीए से लेकर उनके खास माने जाने वाले सभी कर्मचारी कार्ड बांटते रहे। यहां तक कि इसके लिए ऑफिस के वाहनों का ही इस्तेमाल किया गया। इन कर्मचारियों में से कुछ ने तो खुशी से यह काम किया। लेकिन कुछ कलपेश के डर से ही यह काम करते दिखे।


और तो और एक महीने से ऐसा लग रहा था कि ग्रुप एडीटर महोदय की शादी नहीं, बल्कि भास्कर का कोई कार्यक्रम होने वाला है। शादी के कार्ड और डिब्बे ऑफिस में ही रखे गए थे। यहीं से सुबह कर्मचारी उन्हें बांटने जाते थे। यहीं से दूर दराज के रिश्तेदारों को ऑफिस के पैसे से ही कुरियर किए गए। जितने कर्मचारी इस काम में लगे थे, उन्हें वेतन भास्कर के खातों से मिल रहा है.

हद तो तब हो गई, जब ऑफिस के कंप्यूटर से लेकर प्रिंटर तक ग्रुप एडीटर के घर पहुंचने लगे। असल में शादी की कवरेज करने के लिए अखबार निकालने की योजना बनाई गई है। जिसमें कर्मियों की टीम बनाकर ड्यूटियां लगाई गई हैं। इसे डिजाइन हेड मनीश समंदर लीड कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पूरी शादी की कवरेज करके प्रकाशित करके शादी में रिश्तेदारों को अखबार वितरित किया जाएगा। इस मीडिया रूम के लिए भास्कर से कंप्यूटर, कीबोर्ड, यहां तक कि प्रिंटर तक पहुंचाए गए हैं। कुछ कर्मचारी तो ऑफिस का काम भी वहीं बैठकर करेंगे। शादी 10 दिसंबर को है।

खुश करने के लिए बनाई पेंटिंग
कुछ कर्मचारियों के लिए तो यह मौका बेहद खास बना हुआ है। बॉस को खुश करने के लिए इससे अच्छा मौका और क्या हो सकता है। एक काटूनिस्ट सुरजीत दादा ने तो कलपेश की बेटी की शादी के लिए बड़ी सी पेंटिंग बनाकर भी उन्हें भेंट की है, जिसे शादी में डिस्पले किया जाएगा। इनके अलावा कलपेश के पीए शक्ति भटनागर से लेकर डिजाइनर प्रदीप कुशवाहा, शादाब, निमेश तो खास तौर पर इन कामों को देख रहे हैं। बाकी के कर्मचारी इन्हीं लोगों के इशारों पर काम कर रहे हैं। सूत्रों से पता चला है कि जिन कर्मचारियों को घर में बने मीडिया रूम के लिए चुना गया है, उनके नामों को कलपेश ने खुद फाइनल किया है।

कुछ कर्मचारी यह सोच रहे हैं, भास्कर के नेशनल न्यूज रूम में इतना कुछ चल रहा है, क्या इस बारे में एमडी या हेड ऑफिस में पता भी है या नहीं। क्योंकि यह अखबार ऑफिस में ऑफिस के संसाधनों से तैयार हो रहा है और ऑफिस की ही प्रेस में छपेगा। इसकी पेमेंट कहां से होगी? क्या ये घपला करके ऐसा किया जाएगा। कलपेश वैसे तो खुद को ईमानदार और साफ छवि वाला होने का लेक्चर देते हैं, लेकिन क्या अब उन्हें पता नहीं चल रहा कि वे ये क्या कर रहे हैं।

नोट :  नाम गुप्त रखें। खबर पुष्ट है।

एक मीडिया कर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

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