पवन कुमार बंसल
रामनाथ गोयनका सम्मान समारोह में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने गोयनका जी की जमकर तारीफ की। उसके बाद इंडियन एक्सप्रेस के प्रधान संपादक राजकमल झा ने कहा कि इंडियन एक्सप्रेस उन रिपोर्टरों की इज्जत करता है जो पावर से टकराते हैं। उन्होंने बताया गोयनका जी ने एक रिपोर्टर का इसलिए तबादला कर दिया था कि वहां के चीफ मिनिस्टर ने गोयनका जी से उसकी तारीफ की थी। इंडियन एक्सप्रेस और जनसत्ता में तीस वर्ष नौकरी के दौरान मेरी भी कई बार नेताओं ने गोयनका जी से शिकायत की लेकिन उन्होंने मेरा बचाव किया।
१९८९ में देवीलाल, गोयनका जी, जनसत्ता के प्रधान सम्पादक प्रभाष जोशी, अरुण शौरी, गुरुमूर्ति मिलकर राजीव गाँधी के खिलाफ विपक्ष को एक करने की योजना बनाते थे। मेरी एक खबर से नाराज होकर तत्कालीन चीफ मिनिस्टर देवीलाल ने मेरी शिकायत रामनाथ गोयनका से की। मैं उन दिनों चंडीगढ़ में जनसत्ता संवाददाता था। ठेठ हरियाणवी में देवीलाल ने रामनाथ गोयनका को कहा कि लाला तू तो अपोजीशन यूनिटी की बात करता है लेकिन तेरा छोरा मेरे खिलाफ लिखता है. गोयनका को समझ नहीं आया. उन्होंने जोशी जी से कहा. जोशी जी ने हमारे चंडीगढ़ के सम्पादक जितेंद्र बजाज को कहा और बजाज साहिब मेरे जवाब से संतुष्ट हो गए और उन्होंने जोशी जी को बता दिया कि पवन की खबर ठीक है.
कुछ दिन बाद जोशी जी चंडीगढ़ आए. कहने लगे कि देवीलाल कहता है कि पवन मेरे विरोधियों के पास बैठता है. मैंने कहा कि यह ठीक है. देवीलाल के विरोधी ही मुझे अंदर की खबर देंगे . हां मैं यह चेक करता हूँ कि कोई खबर गलत तो नहीं दे रहा. जोशी जी ने मुझे शाबाशी दी. गोयनका जी को बता दिया कि पवन की खबर ठीक है. एक बार १९८७ में जब देवीलाल और भाजपा की सरकार थी तब भाजपा के कोटे से मंत्री लेने पर वाजपयी और आडवाणी में मतभेद हो गए। मेरे भाजपा में अन्दरुनी सोर्स थे. मैंने खबर की और जोशी जी ने सम्पादकीय लिख दिया। सुषमा स्वराज ने शिकायत की कि पवन ने खबर प्लांट की है। जोशी जी ने सुषमा से कहा कि पवन बहुत टाइम से हमारे साथ रिपोर्टर है. पवन राजकीय महाविद्यालय जींद में पढ़ाई के दौरान ही इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्टर बन गए थे.
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