भोपाल मुठभेड़ को फर्जी किया ही नहीं बल्कि भाजपा ने राजनैतिक लाभ के लिए फर्जी दिखाया भी
कलीम सिद्दीकी
गुजरात में जब तथाकथित पुलिसया मुठभेड़ में मुसलमानों का क़त्ल होता था तो गुजरात पुलिस उसे मुठभेड़ को सही मुठभेड़ बताने की कोशिश करती थी लेकिन भोपाल मुठभेड़ ने नए ट्रेंड को जन्म दे दिया है इस मुठभेड़ को फर्जी तरीके से किया ही नहीं बल्कि दिखाया भी यह मुठभेड़ फर्जी है ताकि विरोधी पार्टियाँ इस मुठभेड़ पे सवाल करें और इन नवजवानों के पक्ष में खड़े हों और ध्रुविकरण का लाभ भाजपा को मिल सके क्योंकि गुजरात में हुए पाटीदार और दलित आन्दोलन ने भाजपा की राजनैतिक ज़मीन को मात्र गुजरात ही नहीं बल्कि पूरे देश में हिला दिया आने वाले वर्ष २०१७ में उत्तेर प्रदेश और गुजरात दोनों राज्यों में चुनाव है यह इलज़ाम अहमदाबाद के सामाजिक कार्यकता और इन्साफ फाउंडेशन के अध्यक्ष कलीम सिद्दीकी का जो दलित आन्दोलन से भी जुड़े रहे हैं
इस घटना को संज्ञान में लेते हुए अहमदाबाद के सामाजिक संघटनो ने गुजरात की जेलों में बंद मुस्लिम कैदियों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की है ऐसी घटना गुजरात में न हो इसके लिए सामाजिक संघटनो व कार्यकर्ता और वकीलों से सक्रीय रहने की अपील की गयी है एक पत्र के द्वारा गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपानी से मांग के गयी है कि वह स्वयं गुजरात की जेलों में बंद मुस्लिम , दलित एवं आदिवासी विचाराधीन कैदियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें
मीटिंग के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता जावेद कुरैशी ( जो मुस्लिम इलाके से गार्बेजे डम्पिंग साईट के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं ) ने कहा भाजपा दादरी कांड के आरोपी को तिरंगे में लपेट कर भाजपा के लोग शहीद घोषित कर देते हैं जबकि मुजीब व दीगर मुस्लिम नवजवानों को भारतीय मीडिया आतंकी घोषित कर देते हैं इनसे तो बेहतर विदेशी मीडिया सी एन एन और बी बी सी हैं जो आरोपी लिख रहे हैं भारतीय संविधान के अनुसार जब तक उच्च न्यायलय में किसी आरोपी का आरोप सिध्ध न हो जाये ऐसे शब्द का उपयोग ठीक नहीं
मुजीब शैख़ की मां मुमताज़ ने भी इस बात को लेकर आपत्ति दर्ज की है कि उस के शहीद बेटे को मीडिया आतंकी क्यों लिख रहा है जबकि उसका नाहक क़त्ल हुआ है वह शहीद है मै एक शहीद की माँ हु उन्होंने ने बताया कि जब मै अपने बेटे की लाश लेने भोपाल गयी थी तो मुझे गाँव के लोगो ने बताया कि इन सभी लोगो को पुलिस गाड़ी में लाई थी गाडी से निकाला छोड़ा फिर मार दिया उसका केस जल्द ही पूरा होने वाला था उसके खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं था मुझे कानून पर पूरा भरोसा है हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे ताकि जो मेरे बेटे के साथ हुआ है वह दूसरों के बच्चों साथ न हो
परिवार के लोगों ने बताया कि गोली के आलावा उसके सिर में चोट के निशान भी थे पोस्ट मार्टम के समय उसकी दाढी को भी काट दिया गया था जो गलत है
जनाज़े में शामिल दरियापुर के फरहान सैय्यद ने कहा कि हजारों की संख्या में अहमदाबाद के कोने कोने से मुस्लिम जनाज़े में लोग शामिल हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी का कोई मुस्लिम नेता नजर नहीं आ रहा है जबकि कांग्रेस के पास में अहमदाबाद में बीस काउंसिलर और एक एम् एल ए मुस्लिम के आलावा कई पदाधिकारी मुस्लिम हैं यह मुस्लिम समाज के लिए एक निराशा है
आने वाले दिनों में मुस्लिम संघठनो के अलावा दलित समाज के भी कई संघठन इस तथाकथित मुठभेड़ के विरोध में साझा विरोध दर्ज करें गी इसके लिए रणनीति बने जा रही है ताकि दोबारा कोई ऐसी घटना न हो
कलीम सिद्दीकी
मोबाइल 9276848549
No comments:
Post a Comment