27.9.17

राजस्थान में स्कूल जा रही दलित छात्रा से गैंग रेप!

“ भीलवाडा जिले में अपराधी तत्वों के हौंसले इतने बुलंद हो चुके है कि चाकू की नौंक पर स्कूल जातीब हुई एक नाबालिग दलित छात्रा का अपहरण करके उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया और दुसरे गाँव में पटक कर भाग गए ,जब पीडिता ने एक लोगों से मदद मांगी तो बदमाश वापस आये , दलित छात्रा को पुन अपहृत कर ले गये और तीनों ने उसके साथ फिर से रैप किया और रात को घर के पास फेंक गए .हालत इतने बदतर है कि अपनी बेटी को गायब पा कर जब पीड़ित के परिजन उसके लापता होने की रिपोर्ट देने थाने पंहुचे तो उनकी रिपोर्ट दर्ज करना तो दूर पुलिसवालों ने भी उन्हें भगा दिया “


उपरोक्त घटना राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के बागोर थाना क्षेत्र के गुन्दली गाँव की है ,जहाँ पर कल 26 सितम्बर को बलाई दलित समाज की एक 16 वर्षीय छात्रा स्कूल जा रही थी ,तभी पीछे से मोटरसाईकल लेकर आये तीन युवकों ने चाकू निकाल कर उसकी गर्दन पर रख दिया और डरा धमका कर जबरन अपहरण करके कैलाश गुर्जर के खेत के पास स्थित बाड़े में ले गये और वहां पर कैलाश ने 2 बार उसके साथ बलात्कार किया , उसके साथी जगदीश गुर्जर तथा कन्हैयालाल गुर्जर ने निगरानी राखी .इन तीनों ने देर शाम तक दलित छात्रा को वहीँ पर बंधक बनाये रखा और शाम को किसी को कुछ भी नहीं बताने की चेतावनी के साथ पास के गाँव डून्गाडा के खेडा में पथवारी के पास छोड़ कर चले गए.

पीड़ित नाबालिग छात्रा को इस गाँव की एक महिला शान्ता गुर्जर मिली ,जिसे उसने अपनी आपबीती सुनाते हुए मोबाईल माँगा ताकि अपने पिता को घटना की सूचना दे सके ,उक्त महिला आरोपियों को जानती थी ,उसने पीडिता को मोबाईल देने के बजाय उन बदमाशों को खबर कर दी ,थोड़ी ही देर में तीनों बदमाश मोटरसाईकिल ले कर आ गये और उसे सबक सिखाने के लिए ,पीडिता को वापस जबरन पकड़ कर रास्ते में स्थित पानी के बोर के पास बने कमरे में ले जाकर तीनों ने बारी बारी से बलात्कार किया .

स्कूल जाते हुए अपहरण ,बलात्कार ,पुन अपहरण और सामूहिक बलात्कार जैसी अप्रत्याशित घटनाक्रम से बुरी तरह आहत और घबराई हुई पीडिता को दुष्कर्म के आरोपी रात की 11 बजे गाँव के पास फेंक गये ,जहाँ से वह किसी तरह घर पंहुची और अपने साथ हुए इस अमानवीय कृत्य की सूचना परिजनों को दी ,परिजन अपनी बेटी के अपहरण और उसके साथ हुए सामूहिक बलात्कार की प्राथमिकी दर्ज कराने रात में ही थाने पंहुचे ,मगर उनकी रिपोर्ट दर्ज नही की गई ,उस वक़्त थाने में मौजूद 2 पुलिसकर्मियों ने उन्हें यह कहकर घर लौटा दिया कि –“ पहले खुद संतुष्ट हो जाओं कि वाकई तुम्हारी लड़की के साथ कुछ बुरा हुआ है “

इतने गंभीर अपराध के मुकदमा दुष्कर्म आरोपियों के प्रभावशाली होने के चलते दर्ज ही नही किया गया ,अंततः पीड़ित छात्रा को लेकर उसके परिजन और समाज के मौज्जिज लोग भीलवाड़ा पंहुचे ,उन्होंने बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सुमन त्रिवेदी और सदस्य तारा अहलुवालिया को जानकारी दी और बाल कल्याण समिति की ओर से एसपी भीलवाड़ा को इस मामले में तुरंत कार्यवाही हेतु निर्देशित किया जा चुका है . ,पीड़ित पक्ष ने इस दुखद घटना के बारे में मुझे भी अवगत कराया ,जिस पर हम लोगों ने राज्य के तमाम दलित एवं महिला संगठनों को भी इस बारे में अवगत करवा कर मदद मांगी है .साथ ही पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारीयों और मीडियाकर्मियों को भी सूचना दी गई है ,ताकि समुचित कार्यवाही के लिये आवश्यक पृष्ठभूमि तैयार हो सके .

राजस्थान में दलित महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार और यौन हिंसा के खिलाफ समाज को उठ खड़ा होना होगा ,हम देख रहे है कि हाल ही में बाड़मेर जिले में दुष्कर्म पीडिता को कार्यवाही नहीं होने और आरोपियों की धमकियों से परेशान हो कर आत्महत्या करनी पड़ी है ,बीकानेर जिले में दलित युवती से बलात्कार के मामले में संघर्ष करना पड़ा है और कोलू में एक नाबालिग दलित किशोरी के साथ यौन हिंसा हुई है ,ऐसी दर्जनों दलित महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले सामने आ रहे है ,कहीं कहीं मुकदमे दर्ज हो रहे है मगर कार्यवाही नही की जा रही है ,कुछ मामलों में तो एफआईआर तक दर्ज नही हो पा रही है .दलित महिलाओं की राज्य में भयंकर स्थिति हो चुकी है ,गैंग रेप जैसे मामलों की भी रिपोर्ट नहीं लिखी जाना और पुलिस द्वारा पीड़ितों को भगा देना अत्यंत शर्मनाक बात है .

भीलवाड़ा जिले के गुन्दली गाँव में बलाई समाज की बिटिया के साथ हुआ अन्याय स्तब्ध करनेवाला है ,यह कानून के राज के लक्षण नहीं है ,यह अराजक स्थिति है ,बेटियां कैसे बचेगी इन बदमाशों से और स्कूल जाते हुए उनका अपहरण होगा तो वो कैसे पढेगी और कैसे आगे बढ़ेगी ? हालात अत्यंत भयावह है ,बलात्कार के आरोपी सरेआम अपहरण की हिम्मत करते है ,दिनदहाड़े बलात्कार करते है और किसी को बता देने पर सबक सिखाने की गरज से फिर से अपहरण करके इस बार सामूहिक बलात्कार करते है ,ताकि दलितों को उनकी औकात बताई जा सके.

गुन्दली की घटना हमारे समाज के निरन्तर रुग्ण होते जाने का संकेत है और राज्य में लगातार बिगडती जा रही कानून और व्यवस्था की बात को भी पुख्ता करता है ,यह इस बात को भी साबित करता है कि जिन वर्गों और जातियों के अपराधी तत्वों को उनके समुदाय के राजनेता अपना संरक्षण प्रदान करते है ,उनके युवा बलात्कार ,अपहरण ,चोरी जैसे सारे अपराधिक कुकृत्य करने से नहीं चूकते है ,इन समाजकंटकों को सबक देना होगा ,इनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करवानी होगी ,इन्हें लम्बे समय के लिए जेल की सीखचों के पार रखना होगा ,इन्हें बचानेवाले राजनेताओं का बायकाट करना होगा और अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाह लोकसेवकों के विरुद्ध अजा जजा अत्याचार निवारण कानून के तहत कार्यवाही अमल में लानी होगी ,ताकि उन्हें भी अपनी ज़िम्मेदारी का अहसास हो सके .

अंत में मैं यह भी कहना चाहूँगा कि सिर्फ छात्रावास बनाने ,मंदिर बनाने ,सत्संगें करने और देवी देवताओं के की जयन्तियां मनाने ,शोभायात्राएं निकालने के शक्तिप्रदर्शनों मात्र से समाज का हित नहीं होगा ,महज़ प्रतिभा सम्मान समारोह करने से समाज नहीं बचेगा ,अगर प्रतिभाएं इसी तरह बलात्कार की शिकार होती रही तो वो ना तो बच पायेगी और ना ही आगे बढ़ पायेगी ,उनके लिए सड़कों पर उतरना होगा .पीड़ितों को ताकत देने के लिए उनके पास जाना होगा और अपने अपने इलाके में धरने ,प्रदर्शन भी करने होंगे .हमें पीड़ित दलित छात्रा और उनके परिजनों की सुरक्षा हेतु भी शासन प्रशासन से जवाब लेना होगा .यह दलित स्वाभिमान और महिला गरिमा का मामला है ,हमारी उदासीनता हमारी पीढ़ियों को बर्बाद कर सकती है ,हमारी चुप्पी हमारी बहन बेटियों के लिए खतरनाक हो सकती है ,इसलिये ख़ामोशी तोडिये और खुलकर गुन्दली गाँव की इस दलित पीडिता के लिए बोलिए .यह न्याय का संघर्ष है ,जारी रहना चाहिए .
भंवर मेघवंशी
लेखक, पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता
bhanwarmeghwanshi@gmail.com

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