उदयपुर : महात्मा गांधी के विचारो को समझने के लिए गांधी को संपूर्णता मे देखने की जरूरत है। गांधी की सर्वकालीन प्रासंगिकता को किसी भी तरह से नकारा नहीं जा सकता । उक्त विचार राजनीति शास्त्री प्रो अरुण चतुर्वेदी ने गांधी मानव कल्याण सोसायटी व महावीर समता संदेश के सयुंक्त तत्वाधान मे महात्मा गांधी की एक सो पचासवी जयंती के अवसर पर जीएमकेएस सभागार मे आयोजित वर्तमान परिपेक्ष मे गांधी मार्ग विषयक संवाद मे व्यक्त किए । प्रो चतुर्वेदी ने कहा कि स्वतन्त्रता आंदोलन के दौरान गांधीवादी संस्थाओ ने आंदोलन को शहर से गावों कि और व बुद्धिजीवियो से आम नागरिक तक ले जाने का महत्व पूर्ण कार्य किया । वर्तमान मे जब राज्य के कार्य संदेहो, शंकाओ के घेरे मे है ऐसे समय मे गांधी कि प्रासंगिकता बढ़ जाती है ।
समाजवादी चिंतक हिम्मत सेठ ने कहा कि गांधी ने राजनीति मे जो प्रयोग किए है औ जो प्रतिरोध का मार्ग दिखाया वह बेमिसाल है । उन्होने हिन्द स्वराज के माध्यम से स्वराज की उत्कृष्ठ परिभाषा दी है । राजनीति मे पनप रही अधिनायक वाद को गांधी मार्ग से रोका जा सकता है । पूर्व इंजीनियर डॉ एस एल गोदावत ने कहा किवर्तमान राजनीति मे नैतिकता के मूल्यो का जिस तेजी से हास हो रहा ,झूठ का बोलबाला बढ़ रहा है ऐसे समय मे महात्मा गांधी के सिद्धांतो व उनके नैतिक साहस की आवश्यकता बढ़ जाती है जो गांधी की प्रासंगिकता को प्रमाणित करती है।
कवि अशोक मंथन ने गांधी और अन्य महापुरुषों के आदर्शो से बेहतर समाज व्यवस्था कैसे कायम की जाये उस पर चिंतन की जरूरत बतलाई । प्रो सुधा चौधरी ने वर्मन राष्ट्रवाद के संदर्भों मे गांधी के हिन्द स्वराज व मेरे सपनों का भारत पुस्तको को पुनः देखने की आवश्यकता बतलाई ।प्रो हेमेन्द्र चंडालिया ने देश की वर्तमान हालत का जिक्र करते हुये गांधी विचार की मूल अवधारणा पर वर्तमान परिपेक्ष मे चर्चा करने की जरूरत बतलाई । डॉ शंकर लाल चौधरी ने कहा कि गांधी एक पर्शेप्शन है जिसे अपने अपने हितानुसार लोग अपनाते है । गांधी कभी भी भारत पाक विभाजन के पक्ष मे नहीं थे । गांधी और मार्क्स के स्टेट पर विचारो मे साम्यता है ,उनके उद्देश्यों मे समानता है किन्तु मार्ग भेद भी है ।
संवाद की अध्यक्षता करते हुये उधयोगपति के एस मोगरा ने कहा कि बिड़ला कंपनी के कार्यो के दौरान पोरबदर मे काफी समय गुजारने का अवसर मीला,उस दौरान किर्ति मंदिर कई बार जाते हुये गांधी दर्शन,व्यक्तित्व उनके कार्य समझने समझाने व जानने से पता चला कि गांधी का जीवन ही सम्पूर्ण संदेश है । कार्यक्रम मे इस्माइल आली दुर्गा ,पूर्व प्रचारी राणा पूजा कॉलेज डॉ गोपाल माली,फरहत बानू,नरेंद्र कुमार जोशी,पीयूष जोशी,उषा चौधरी,अब्बास आली हबीब सहित शहर के प्रमुख बुद्धिजीवियो व संस्थाओ ने भाग लिया।
संवाद का संचालन नन्द किशोर शर्मा ने किया व धन्यवाद ज्ञापन गांधी मानव कल्याण सोसायटी के मुखी संचालक मदन नागदा ने किया ।
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