योगी सरकार की आंख की किरकिरी बने आम आदमी की आवाज दारापुरी
मजदूर किसान मंच की बैठक में दारापुरी की रिहाई के लिए लिया प्रस्ताव
दारापुरी की रिहाई के लिए चलेगा हस्ताक्षर अभियान
आरएसएस-भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का करेगें पर्दाफाश
आदिवासियों को किसी कीमत पर बेदखल नहीं होने देगें-दिनकर
ओबरा, सोनभद्र : योगी सरकार की हर जन विरोधी, लोकतंत्र विरोधी कार्यवाहियों के आलोचक रहे और हर वक्त अपनी जनपक्षधरता के प्रति प्रतिबद्ध रहे मजदूर किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व आईपीएस अधिकारी एस0 आर0 दारापुरी सरकार की आंख की किरकिरी बन गए थे।
वनाधिकार कानून में आदिवासियों व वनाश्रितों को जमीन का अधिकार मिले, रोजगार, सहकारी खेती हो, खेती आधारित उद्योग लगे, किसानों के कर्ज माफ हो, कृषि उपज की खरीद की गारंटी, धांगर का एससी का दर्जा बहाल करने, मनरेगा में हर हाल में काम, ठेका मजदूरों के नियमितीकरण, कोल के आदिवासी दर्जे, पर्यावरण की रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत तमाम अधिकारों पर न सिर्फ दारापुरी जी इस क्षेत्र में लड़ रहे थे बल्कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने इन्हीं जन मुद्दों पर राबर्ट्सगंज से चुनाव लड़ा था और सम्मानजनक वोट भी हासिल किया था।
यह आवाज बंद हो जाए इसलिए राजनीतिक बदले की भावना से उनकी गिरफ्तारी सरकार ने करायी है। जो सरकार की अधिनायकवादी लोकतंत्र विरोधी कार्यवाही है। इसलिए सरकार को दारापुरी को अविलम्ब रिहा करना चाहिए। इस आशय का प्रस्ताव आज ओबरा कार्यालय पर हुई मजदूर किसान मंच की बैठक में लिया गया। प्रस्ताव मंच के जिला महासचिव राजेन्द्र सिंह गोंड़ ने रखा। बैठक की अध्यक्षता स्वराज अभियान के जिला संयोजक कांता कोल और संचालन कृपाशंकर पनिका ने किया। बैठक में एस0 आर0 दारापुरी की रिहाई के लिए सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली में बड़े पैमाने पर हस्ताक्षर अभियान चलाने व जन संवाद कर आरएसएस-भाजपा की देश में जारी विभाजनकारी राजनीति का भण्ड़ाफोड करने का निर्णय हुआ।
बैठक में मौजूद स्वराज अभियान के नेता दिनकर कपूर ने एक अखबार के हवाले से आदिवासियों की जमीन वन विभाग द्वारा वापस लेने पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि आदिवासियों व वनाश्रितों की बेदखली नहीं होगी। जिन लाखों एकड़ जमीन की बात आ रही है उसकी सच्चाई यह है कि वह भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुए सर्वे सेटलमेंट के द्वारा आदिवासियों व वनाश्रितों को मिली थी। इन जमीनों को छिनने की किसी भी प्रयास को लोकतांत्रिक आंदोलन व न्यायालय से परास्त किया जायेगा और किसी कीमत पर बेदखली नहीं होने दी जायेगी।
बैठक में युवा मंच के संयोजक राजेश सचान, स्वराज अभियान नेता राहुल यादव, मजदूर किसान मंच के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, पूर्व बीडीसी रामदास गोंड़, जितेन्द्र धांगर, मंगरू प्रसाद गोंड़, रामेश्वर प्रसाद, विद्यावती, दलबीर सिंह खरवार, इंद्रदेव खरवार, रामचंदर धांगर, मनोहर गोंड़, चंद्रशेखर पाठक, रामफल गोंड़ आदि ने अपने विचार रखे।
जारीकर्ता
राजेन्द्र सिंह गोंड़
जिला महासचिव
मजदूर किसान मंच, सोनभद्र।
मजदूर किसान मंच की बैठक में दारापुरी की रिहाई के लिए लिया प्रस्ताव
दारापुरी की रिहाई के लिए चलेगा हस्ताक्षर अभियान
आरएसएस-भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का करेगें पर्दाफाश
आदिवासियों को किसी कीमत पर बेदखल नहीं होने देगें-दिनकर
ओबरा, सोनभद्र : योगी सरकार की हर जन विरोधी, लोकतंत्र विरोधी कार्यवाहियों के आलोचक रहे और हर वक्त अपनी जनपक्षधरता के प्रति प्रतिबद्ध रहे मजदूर किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व आईपीएस अधिकारी एस0 आर0 दारापुरी सरकार की आंख की किरकिरी बन गए थे।
वनाधिकार कानून में आदिवासियों व वनाश्रितों को जमीन का अधिकार मिले, रोजगार, सहकारी खेती हो, खेती आधारित उद्योग लगे, किसानों के कर्ज माफ हो, कृषि उपज की खरीद की गारंटी, धांगर का एससी का दर्जा बहाल करने, मनरेगा में हर हाल में काम, ठेका मजदूरों के नियमितीकरण, कोल के आदिवासी दर्जे, पर्यावरण की रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत तमाम अधिकारों पर न सिर्फ दारापुरी जी इस क्षेत्र में लड़ रहे थे बल्कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने इन्हीं जन मुद्दों पर राबर्ट्सगंज से चुनाव लड़ा था और सम्मानजनक वोट भी हासिल किया था।
यह आवाज बंद हो जाए इसलिए राजनीतिक बदले की भावना से उनकी गिरफ्तारी सरकार ने करायी है। जो सरकार की अधिनायकवादी लोकतंत्र विरोधी कार्यवाही है। इसलिए सरकार को दारापुरी को अविलम्ब रिहा करना चाहिए। इस आशय का प्रस्ताव आज ओबरा कार्यालय पर हुई मजदूर किसान मंच की बैठक में लिया गया। प्रस्ताव मंच के जिला महासचिव राजेन्द्र सिंह गोंड़ ने रखा। बैठक की अध्यक्षता स्वराज अभियान के जिला संयोजक कांता कोल और संचालन कृपाशंकर पनिका ने किया। बैठक में एस0 आर0 दारापुरी की रिहाई के लिए सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली में बड़े पैमाने पर हस्ताक्षर अभियान चलाने व जन संवाद कर आरएसएस-भाजपा की देश में जारी विभाजनकारी राजनीति का भण्ड़ाफोड करने का निर्णय हुआ।
बैठक में मौजूद स्वराज अभियान के नेता दिनकर कपूर ने एक अखबार के हवाले से आदिवासियों की जमीन वन विभाग द्वारा वापस लेने पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि आदिवासियों व वनाश्रितों की बेदखली नहीं होगी। जिन लाखों एकड़ जमीन की बात आ रही है उसकी सच्चाई यह है कि वह भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुए सर्वे सेटलमेंट के द्वारा आदिवासियों व वनाश्रितों को मिली थी। इन जमीनों को छिनने की किसी भी प्रयास को लोकतांत्रिक आंदोलन व न्यायालय से परास्त किया जायेगा और किसी कीमत पर बेदखली नहीं होने दी जायेगी।
बैठक में युवा मंच के संयोजक राजेश सचान, स्वराज अभियान नेता राहुल यादव, मजदूर किसान मंच के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, पूर्व बीडीसी रामदास गोंड़, जितेन्द्र धांगर, मंगरू प्रसाद गोंड़, रामेश्वर प्रसाद, विद्यावती, दलबीर सिंह खरवार, इंद्रदेव खरवार, रामचंदर धांगर, मनोहर गोंड़, चंद्रशेखर पाठक, रामफल गोंड़ आदि ने अपने विचार रखे।
जारीकर्ता
राजेन्द्र सिंह गोंड़
जिला महासचिव
मजदूर किसान मंच, सोनभद्र।
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