18.2.20

जनता की कमाई को डोनाल्ड ट्रंप पर लुटाने का पीएम मोदी को कोई हक नहीं

जिस देश में रोजी-रोटी का बड़ा संकट हो। अर्थव्यस्था पूरी तरह से डगमगा गई हो। किसान, मजदूर और युवा विभिन्न समस्याओं से कराह रहो हों, ऐसे में किसी पूंजीवादी देश के राष्ट्रपति के स्वागत में फिजूलखर्ची की क्या तुक है ? फाइट फॉर राइट इसका विरोध करता है। यह जो भी पैसा डोनाल्ड ट्रप के स्वागत में पानी की तरह से बहाया जा रहा है यह सब जनता के खून-पसीने की कमाई है। इस पैसे को इस तरह से खर्च करने का पीएम मोदी को कोई अधिकार नहीं। डोनाल्ड ट्रंप के दौरे की तो बात ही छोड़ दीजिए अहमदाबाद में उनके होने वाले रोड शो में 100 करोड़ रुपये खर्च होने की बात सामने आ रही है।
कहीं ऐसा न हो मोदी जी आप फकीर पीएम का ड्रामा करते-करते देश को ही फकीर बना दो। आपकी फकीरी तो देश ही नहीं बल्कि विदेश में बैठे लोग भी देख रहे हैं। इस देश की जनता को क्यों बर्बाद करने में तुले हो। क्या हासिल कर लोगे ट्रंप से सिवा बर्बादी के और कितना दिखावा करोगे। जमीन पर आओ और देखो इस देश की जनता किस हाल में है ? कभी आम आदमी के बीच में भी तो बैठो, तभी तो गरीब का दर्द जान पाओगे। गरीबी का ड्रामा करने से देश की असलियत पता नहीं चलने वाली है मोदी जी। गले लगोगे, अडानी और अंबानी के। मिलोगे विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों से और हक जताओ देश की गरीब जनता पर।

आपकी यह नौटंकी ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाली है। कब तक लोगों को हिंदू-मुस्लिम के नाम पर लड़ाते रहोगे। कब तक मुस्लिम और पाकिस्तान के नाम पर देश के हिन्दुओं का बेवकूफ बनाते रहोगे ? कब तक दिखावे के हिन्दुत्व और खोखले राष्ट्रवाद के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकते रहोगे। पुलवामा आतंकी हमले को तो आपने 2019 के लोकसभा चुनाव में भूना लिया पर देश की जनता को यह तो बता दो कि यह हमला किया किसने ने था ? इतने बड़े स्तर पर विस्फोटक सामग्री आई कहां से थी ? जो जवान शहीद हुए हैं उनके परिजनों के लिए आपकी सरकार ने किया क्या ? कहां है 12 करोड़ रोजगार ? कहां है र्स्माट सिटी ? कहां है र्स्माट विलेज?

कहां विदेश से आया काला धन, जिसके बल पर आप हर भारतीय के खाते में 15 लाख रुपये भेजने की बात कर रहे थे। आखिरकार भावुक मुद्दों के नाम पर जनता को कब तक ठगते रहोगे ? यदि वास्तव में एक गरीब मां के पेट से आपने जन्म लिया है तो देश के गरीबों का हक पूंजपीतियों को क्यों लुटवाना बंद करो। देश को पूंजपीतियों के यहां गिरवी रखकर क्यों अपनी मां का दूध लजा रहे हो ? देखो इन बेरोजगार युवाओं की ओर ? देखो उनके मां-बांप की ओर, जिन्होंने शिक्षा के इस व्यवसायीकरण के दौर में अपनी सारी जमा पूंजी अपने बच्चों की शिक्षा पर लगा दी। आज रोजगार के नाम पर उनके पास बस भटकाव ही है ? मोदी जी इस दिखावे में कहीं देश वहां न चला जाए जहां से संभाला भी न जा सके।

मोदी जी भले ही आपने किन्हीं कारणों से विपक्ष को डरा रखा हो। भले ही आपने संविधान की रक्षा के लिए बनाए तंत्रों को बंधुआ बना रखा हो, भले ही नौकरशाह आप के गुलाम हो गये हों पर याद कीजिये इस देश का इतिहास ? इस देश की जनता ने इंदिरा गांधी जैसी तानाशाह को भी धूल चटाई है। झारखंड और दिल्ली विधानसभा चुनाव इसका जीता-जागता उदाहरण है। जमीन पर आकर जमीनी काम करो। नहीं तो वह दिन दूर नहीं कि आप खुद  अपने से भी माफी न मांग पाओ।

चरण सिंह राजपूत
पत्रकार और समाजसेवी

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