सेवा में ,
श्रीमान् प्रधानमंत्री जी,
भारत सरकार, नई दिल्ली,
विषय- ग़ैर करोना मरीजों की देखभाल एवं उपचार की तत्काल व्यवस्था के संबंध में ।
महोदय ,
सविनय एबीपी न्यूज़ चैनल पर आज दिनांक 11 अप्रैल को प्रसारित समाचार का संज्ञान ग्रहण करने का कष्ट करें जिसमें यह बताया गया कि बिहार राज्य के जहानाबाद जिले में एक महिला पुरुष अपने बच्चे के इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खाते हुए किसी प्रकार से स्थानीय अस्पताल में भी पहुंचे तो वहां उसे समुचित इलाज मुहैया नहीं हो पाया। बजाय उसको जहानाबाद के लिए रेफर कर दिया किंतु नहीं उन्हें वहां तक पहुंचने के लिए एंबुलेंस ही उपलब्ध कराया गया, नहीं कोई व्यवस्था की गयी। इलाज के अभाव में बच्चे ने अंततः दम तोड़ दिया।
लाचार मां बाप चीखते और चिल्लाते हुए सड़क पर अकेले दिखाई दिए , जिनको ना ही ना ही कोई ढांढस बढ़ाने वाला मिला, नहीं संकट की इस घड़ी में उसके प्रति कोई सहानुभूति दिखाई पड़ रही थी । वास्तव में जिन जिन लोगों ने एबीपी न्यूज़ की उस खबर को देखी होगी उसकी रूहे खड़ी हो गई होंगी ,घटना ह्रदय विदारक हैं
महोदय इस महा संकटकाल में इस प्रकार की घटना कोई पहली घटना है। इतने बड़े देश में अचानक सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा को बंद कर देना तथा निजी अस्पतालोंं के बंद होने की स्थिति में अन्य गंभीर बीमारी की स्थिति में मरीजों को समुचित उपचार एवं स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मुहैया नहीं हो पा रही है जिसके चलते बिहार ही नहीं उत्तर प्रदेश सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में विशेषकार ग्रामीण अंचलों में जहां अस्पतालों में अभी तक पर्याप्त सुविधाएं मुहैया नहीं हो सकी है उन क्षेत्रों में ऐसी मौतें बराबर हो रही होगी।ग्रामीण अंचलों में निजी अस्पताल तो करोना वायरस के भय से पहले ही अपना पल्ला झाड़ कर सभी सेवाएं बंद कर दी है दूसरी ओर सरकारी अस्पतालों में मात्र इमरजेंसी सेवा चलाई जा रही है किंतु भय के इस वातावरण में अस्पताल में सुरक्षा संबंधी कीटों तथा दवाओं के अभाव में चिकित्सक मरीज को समुचित तरीके से देख भी नहीं पा रहे हैं । मात्र दूर से देख कर किसी प्रकार उनको आधी अधूरी दवा देकर बाहर भेज दे रहे हैं , जो निश्चित ही अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।
अतः आपसे सादर अनुरोध है कि एबीपी न्यूज़ पर चली खबर का संज्ञान लेकर तत्काल संबंधित को निर्देश देने का कष्ट करें कि सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बहाल की जाए तथा पंजीकृत निजी अस्पताल भी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने का कष्ट करें ।
प्रदीप कुमार शुक्ला
आरटीआई पर्यावरण कार्यकर्ता मिर्जापुर उत्तर प्रदेश
ereportor9@gmail.com
श्रीमान् प्रधानमंत्री जी,
भारत सरकार, नई दिल्ली,
विषय- ग़ैर करोना मरीजों की देखभाल एवं उपचार की तत्काल व्यवस्था के संबंध में ।
महोदय ,
सविनय एबीपी न्यूज़ चैनल पर आज दिनांक 11 अप्रैल को प्रसारित समाचार का संज्ञान ग्रहण करने का कष्ट करें जिसमें यह बताया गया कि बिहार राज्य के जहानाबाद जिले में एक महिला पुरुष अपने बच्चे के इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खाते हुए किसी प्रकार से स्थानीय अस्पताल में भी पहुंचे तो वहां उसे समुचित इलाज मुहैया नहीं हो पाया। बजाय उसको जहानाबाद के लिए रेफर कर दिया किंतु नहीं उन्हें वहां तक पहुंचने के लिए एंबुलेंस ही उपलब्ध कराया गया, नहीं कोई व्यवस्था की गयी। इलाज के अभाव में बच्चे ने अंततः दम तोड़ दिया।
लाचार मां बाप चीखते और चिल्लाते हुए सड़क पर अकेले दिखाई दिए , जिनको ना ही ना ही कोई ढांढस बढ़ाने वाला मिला, नहीं संकट की इस घड़ी में उसके प्रति कोई सहानुभूति दिखाई पड़ रही थी । वास्तव में जिन जिन लोगों ने एबीपी न्यूज़ की उस खबर को देखी होगी उसकी रूहे खड़ी हो गई होंगी ,घटना ह्रदय विदारक हैं
महोदय इस महा संकटकाल में इस प्रकार की घटना कोई पहली घटना है। इतने बड़े देश में अचानक सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा को बंद कर देना तथा निजी अस्पतालोंं के बंद होने की स्थिति में अन्य गंभीर बीमारी की स्थिति में मरीजों को समुचित उपचार एवं स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मुहैया नहीं हो पा रही है जिसके चलते बिहार ही नहीं उत्तर प्रदेश सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में विशेषकार ग्रामीण अंचलों में जहां अस्पतालों में अभी तक पर्याप्त सुविधाएं मुहैया नहीं हो सकी है उन क्षेत्रों में ऐसी मौतें बराबर हो रही होगी।ग्रामीण अंचलों में निजी अस्पताल तो करोना वायरस के भय से पहले ही अपना पल्ला झाड़ कर सभी सेवाएं बंद कर दी है दूसरी ओर सरकारी अस्पतालों में मात्र इमरजेंसी सेवा चलाई जा रही है किंतु भय के इस वातावरण में अस्पताल में सुरक्षा संबंधी कीटों तथा दवाओं के अभाव में चिकित्सक मरीज को समुचित तरीके से देख भी नहीं पा रहे हैं । मात्र दूर से देख कर किसी प्रकार उनको आधी अधूरी दवा देकर बाहर भेज दे रहे हैं , जो निश्चित ही अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।
अतः आपसे सादर अनुरोध है कि एबीपी न्यूज़ पर चली खबर का संज्ञान लेकर तत्काल संबंधित को निर्देश देने का कष्ट करें कि सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बहाल की जाए तथा पंजीकृत निजी अस्पताल भी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने का कष्ट करें ।
प्रदीप कुमार शुक्ला
आरटीआई पर्यावरण कार्यकर्ता मिर्जापुर उत्तर प्रदेश
ereportor9@gmail.com
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