13.6.21

विख्यात धर्म प्रचारक धर्मा भगतजी पंचतत्व में विलीन

सुमेरपुर निवासी भगतजी ने देश को लाखों लोगों को धर्म का मार्ग दिखाया

जयपुर | 12 जून, 2021


श्रीमद्भगवतगीता के जीवन संदेश को लोगों के जीवन में उतारनेवाले प्रख्यात धर्म प्रचारक धर्मा भगतजी आज पंचत्व में विलीन हो गए। राजस्थान के पाली जिले के सुमेरपुर कस्बे में 11 जून की शाम उन्होंने अंतिम सांस ली। जवाई नदी के तट पर आज दोपहर मंत्रोच्चार के बीच परंपरागत धार्मिक विधान से उनका अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। वे 83 वर्ष के थे। देश की राजधानी दिल्ली, सहित जोधपुर, अजमेर, ब्यावर एवं मारवाड़ - मेवाड़ इलाके में उनका खासा सम्मान था। राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत एवं नीरज डांगी सहित राजस्थान में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री व पाली के सांसद पीपी चौधरी, सुमेरपुर के विधायक जोराराम कुमावत व सिरोही के विधायक संयम लोढ़ा एवं विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व शैक्षणिक संस्थाओं से जुड़े कई प्रमुख लोगों धर्माभगतजी के निधन पर संवेदना व्यक्त की है।    


बीते 30 वर्षों में धर्मा भगतजी ने देश के लाखों लोगों को समाजसेवा एवं धर्म के मार्ग पर प्रवृत्त किया। कर्म के द्वारा जीवन को सफल बनाने एवं श्रीमद् भगवत गीता के जीवन संदेश के जरिए वे अंतिम सांस तक समाज में चेतना का संचार करते रहे। जवाई नदी के तट पर शिवगंज के श्मशान घाट पर 12 जून को उनका अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। उनके ज्येष्ठ पुत्र घनश्याम परिहार ने उन्हें मुखाग्नि प्रदान की। धर्मा भगतजी जीवन पर्यंत समाज को सत्कर्म की प्रेरणा देते रहे। सिरोही जिले के आबूरोड़ में सन 1938 को जन्मे धर्माभगतजी पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय से शिवगंज व सुमेरपुर में रहे। लेकिन देश भर में विभिन्न शहरों में श्रीमद् भगवत गीता के संदेश तथा धर्म का प्रचार करते रहे। कोरोनाकाल होने के बावजूद आज उनके अंतिम संस्कार में देश के विभिन्न शहरों से श्रद्धालु उनके अंतिम दर्शन के लिए सुमेरपुर पहुंचे थे। सांसद नीरज डांगी ने ट्विटर पर अपने शोक संदेश में कहा है समाज को धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करनेवाले धर्मा भगतजी का निधन समाज की बड़ी क्षति है। सांसद राजेंद्र गहलोत ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनका संतत्व एवं समाज के प्रति लगाव सबको सदा प्रेरित करते रहेगा। विधायक लोढ़ा ने कहा कि शिवगंज के धर्माभगतजी ने जीवन भर समाज को धर्म का मार्ग दिखाया, उनके निधन का समाचार सुनकर गहरा दुख हुआ।    


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