16.7.23

वन स्टॉप सेंटर से एक पीड़ित नाबालिग किशोरी गायब!

देवरिया : प्रदेश के देवरिया जिले के वन स्टॉप सेंटर से एक पीड़ित नाबालिग किशोरी के फरार हो जाने की घटना ने पुलिस विभाग की सक्रियता पर सवालिया निशान लगा दिया है। जानकारी के अनुसार भटनी थाना क्षेत्र की एक गांव निवासी बलात्कार पीड़िता नाबालिग किशोरी बुधवार को रहस्यमई परिस्थितियों में फरार हो गई।


पुलिस कर्मचारियों ने उसे बहुत ढूंढा लेकिन वह नहीं मिली । मजबूर होकर उसके फरार होने के संबंध में पुलिस थाना कोतवाली मे गुरुवार की शाम को  मुकदमा दर्ज कराया गया है । लेकिन समाचार लिखने तक किशोरी बरामद नहीं हो पाई थी।

घटना के बारे में जानकारी देते हुए भटनी थाना प्रभारी डॉ महेंद्र ने शुक्रवार को बताया कि भटनी थाना अंतर्गत एक गांव निवासी एक युवक पर उक्त किशोरी के अपहरण करने का केस दर्ज है। दो दिन पहले भटनी पुलिस ने किशोरी के मेडिकल एवं धारा 164 सी आर पी सी के तहत कलम बंद बयान के लिए देवरिया जिला मुख्यालय लाया था। भटनी पुलिस ने मेडिकल कराया और उसे वन स्टॉप सेंटर में दाखिल कर दिया। ताकि अगले दिन उसका 164 सीआरपीसी का बयान न्यायालय में दर्ज करा सके।

लेकिन किशोरी बुधवार देर शाम वन स्टाॅप सेंटर से पुलिस कर्मियों को चकमा देकर रहस्यमय परिस्थितियों में फरार हो गई। किशोरी के फरार होने की जानकारी बुधवार की रात को तब हुई जब वन स्टॉप सेंटर में ठहरे हुए सभी युवतियों की गिनती हुई।

इस संबंध में थाना कोतवाली प्रभारी दिनेश कुमार मिश्र ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर से किशोरी के फरार होने के संबंध में कोतवाली थाना में मुकदमा दर्ज है तथा उसकी तलाश की जा रही है। उपरोक्त घटना में देवरिया पुलिस की सक्रियता एवं सजगता पर अनेकों सवाल उठा दिया है आम जनता का आरोप है कि देवरिया पुलिस मस्त है तथा आम जनता त्रस्त होकर त्राहि त्राहि कर रही  है।

उक्त प्रकरण के संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने अपना नाम प्रकाशित ना किए जाने की शर्त पर टिप्पणी करते हुए बताया कि वन स्टाॅप सेंटर परिसर में पुलिस चौकी है और यह आवासीय है। यहां पर एक दरोगा और दीवान तथा महिला एवं पुरूष सिपाहीयों की तैनाती है। सरका प्रतिमाह लाखों रुपया खर्च करती है लेकिन इसका कोई सदुपयोग नजर नहीं आता है यहां पर मूल रूप से दलाली का काम होता है।

वन स्टाप सेंटर के लिए चौबीस घंटे कर्मचारियों की तैनाती की गई है। इसके बाद भी अगर किशोरी भाग निकली तो बड़ी चूक हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि वन स्टाप सेंटर के कर्मचारी लापरवाही बरतते हैं और सावधानी पूर्वक ड्यूटी नहीं करते हैं तथा लोगों से वसूली में व्यस्त रहते हैं। जिम्मेदार पुलिस अधिकारी भी वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण कभी कभार ही करते हैं इसलिए यहां पर तैनात कर्मचारी मनमानी करते हैं।

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