कुछ असर नहीं करता
भीख मांगते बच्चे,
रंडी होती पीढ़ी,
मंडी होता मुल्क
मुझ पर कुछ भी असर नहीं करता
कुछ भी खबर नहीं करता
खुदकुशी करते किसान
खलिहान तक फैलता मसान
कोख और दूध में प्रदूषण का जहर
राखी सावंत के क्लीवेज में घुसा मीडिया
कुछ भी खबर नहीं करता
कोई गदर नहीं करता
चूतियापे की संसद
बकचोदी करते पत्रकार
तिल तिल मरती हिंदुस्तानियत
दम तोड़ती इंसानियत
फिर भी
कोई गदर नहीं करता।
लेकिन
कोई
कुछ क्यों करे
जब खुद मैं
पेट से शुरू करता हूं
और
कमर से जरा नीचे
जाकर रुक जाता हूं।
तो कोई कुछ क्यों करे।
No comments:
Post a Comment