अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
24.11.07
रविशेखर की अनकही कहन
रविशेखर कुछ लिखना चाहते थे लेकिन लिख कर उसे पब्लिश नहीं कर पाए हैं, उनका फोन भी आया था, यशवंत भाई...पता नहीं क्या प्राब्लम है, पब्लिश नहीं हो रहा। रविशेखर जी, फिर ट्राइ मारिये.....रस्ता निकलेगा....। यशवंत
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