19.7.11

राजा सड़कछाप !

Digvijay Singh


दिग्गी राजा  सड़कछाप ;    संघ का है आरोप ;
बक बक करता फिर रहा ;बुद्धि का हो गया लोप ;
राजा  है  खुर्रम  बड़ा ;  न  लेने  देता  चैन ;
संघ पे धावा बोलता ;दिल्ली हो या उज्जैन .
                                    शिखा कौशिक 

5 comments:

  1. बढ़िया |
    अति सुन्दर ||
    बधाई ||

    B J P : पान का बीड़ा
    रखी रकाबी में रकम, पनबट्टी के साथ |
    दिग्गी जस जो दोगला, वही लगावे हाथ ||

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  2. Just ignore such persons! Let's talk something meaningful.

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  3. बहुत शानदार प्रस्तुति सटीक

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  4. digvijay singh....oh god sadbuddhi do.
    bahut acchi prastuti

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  5. रविकर जी ;घनश्याम जी ,शालिनी जी और कनु जी आप सभी का आभार .

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