25.8.11

करने प्रकाश सारे जग में, बिजली सा कोंद चलो यारों..

वन्दे मातरम बंधुओं,

सच का गला रेतने को, शमसीर हजारों हैं बेशक,
ईमानदारी की राह रोकने, तीर हजारों हैं बेशक,
भय, भूख और भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, गुंडा गर्दी,
हम तोड़ के इनको निकलेंगे, जंजीर हजारों हैं बेशक.........
सोने की चिड़िया लूटने की, आदत उनको है बेशक,
गरीब, मजबूर कुचलने की, ताकत  उनको है बेशक,
दूध दही का देश मेरा, आज हुआ भूखा नंगा,
फिर दूध की नदी बहाने की, चाहत हमको है बेशक............

बेशक सत्ता की नजरों में, हम आतंकी, हम अपराधी,
है अखतियार उनको वो हमे, घोषित करदें बेशक बागी,
अब जहर से लड़ने की खातिर, जहर हमे बनना होगा,
वो बना हमारा सम्बल है, आजादी का दूजा गाँधी.........

अन्ना ने जो राह दिखाई, उस पर दौड़ चलो यारों,
रिश्वतखोरों की छाती को, पैरों रोंद चलो यारों,
भ्रष्टाचार जो खून बना, बहता तेरी मेरी नस नस,
करने प्रकाश सारे जग में, बिजली सा कोंद चलो यारों...........






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