आजकल नरेगा को लेकर राहुल गाँधी काफी चिंतित नजर आ रहे हैं । मान लिया जाय की उनको इस बार आपने को युवराज के रूप में चुनाव में पेस करना है तो इस रोजगार देने वाले कानून को तो चुनावी मोटो बना ही सकते हैं । किंतु नरेगा की मूल समस्या जाने बिना इस रोजगार गारंटी वाले कानून की सफलता को शायद ही राहुल गाँधी देख सकें। मैं बिहार का उदाहरण देना चाहूगां यहाँ इस योजना को चलाने के लिए लगभग बारह हजार कर्मियों की बहाली की गई किंतु ठेके पर । जब इस योजना को चलाने वाला कर्मी ही अपने जॉब को लेकर निश्चिंत नहीं है तो भला वह किस उत्साह से इस कानून को सफल बनने में लगेगा । अस्सी मन मिट्टी के बदले बयासी रुपया मजदूर को देने की बात इस कानून में कही गयी है क्या यह शर्त चलने वाला है । मैं इस योजना के संचालक कर्मियों की बयानी की एक झलक ही यहाँ रख रहा हूँ। आप भारासियों से अनुरोध है की मेरे इस मुहीम को रास्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोसिस करें।
29.2.08
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1 comment:
BILKUL SAHI KAHA APNE DEEPAK JI.AP JAISE LOG AGAR BHADAS SE KUCHH UMMID LEKAR AAYE HAIN TO HAM SABON KA SAHYOG APKE SATH HAI.DESH KI DURGATI KE JIMMEVAR LOGON KO BENAKAB KARNE KI BHADAASEE MUHIM MEIN APKA SWAGAT HAI.
JAI BHADAS
JAI YASHVANT
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