आज पूरे देश में iसाइयों पर हमलों की चर्चा हो रही है....लेकिन क्यों हुआ ये सब.......इसाई तो पहले.....भी वहीँ थे फ़िर अब उन पर हमले क्यों?कोई न कोई कारन तो जरुर है.....असल में हुआ ये है की देश में काम करने वाली मिशनरियों ने ये सब घोटाला किया है........जिन गरीब आदिवासियों के पास खाने को रोटी नहीं है....उनके पास टी वी,रेडियो,और हथियार कहाँ से आ गए?वो अचानक मंदिरों में जन क्यूँ भूल गए?ये सब अचानक नही हटा मित्रो इस खेल को समझने kइ कोशिश कीजिये....ये एक मामूली बात नहीं है....हमारे देश की ......जनता.......गरीब हो सकती है लेकिन .....उसे.....पैसे देकर इसाई बनाना ठीक नही है....हमने आपको अपने धर्म प्रचार की छूट दी है ....धर्म परिवर्तन की नहीं....आपके जो बड़े बड़े स्कूल चलते है उन में कितने गरीब पढ़ते है र कितनी फीस है हमे सब ध्यान है...इसलिए हे परमेश्वर के बन्दों अच्छे काम करो पर ये लोग धर्म परिवर्तन कर लेंगे....ये भूल........जाओ....रजनीश परिहार.....
25.9.08
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5 comments:
बिलकुल बेकार का प्रलाप है आपका. पैसे का लालच या किसी भी प्रकार का दबाव डालकर कराये जाने वाले धर्म परिवर्तन के खिलाफ तमाम कानूनी रास्ते हैं. अगर कोई ईसाई मिशिनरी ऐसा कर रही है तो उस पर कानूनी कार्यवाही का रास्ता खुला हुआ है. ये कोई तर्क नहीं है कि वो पैसे वगैरह का लालच देकर दलितों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर कर रहे हैं इसलिए कुछ उन्मादी लोग इस प्रकार से मर्यादा भूल जायेंगे. याद रखिये हिन्दू धर्म वो धर्म है जिसे मिटा देने की चेष्टा अल्लाउद्दीन और औरंगजेब जैसे बर्बर शाषक कर चुके हैं मगर हिन्दू धर्म आज भी अपनी मर्यादा अस्तित्व बचाए हुए है. फिर आज देश के मात्र २.३ प्रतिशत लोगों से हमें खतरा कैसे होने लगा. ये गलत है किसी भी सूरत में ऐसे हमले अगर होते रहे तो हम में और तालिबान में क्या फर्क रह जायेगा.
सही लिखा है आपने। धर्मानंतरण अपने आप मे एक प्रकार की हिंसा हीं है। रोटी, शिक्षा और स्वास्थ्य के नाम पर विदेशी धन से संचालित चर्च लोगो की आस्था खरीदना चाहता है। कुछ धनलोलुप एंवेंजलिष्टो के चक्कर में चर्च और ईसाइयत अपनी विश्वश्नीयता गुमा रहे है।
main chandan ji se sahmat hun
रजनीश जी,
आप डोम चमार और तमाम जाति के लोग जो हिंदू हैं को मन्दिर जाने दें , उन्हें उनका हक देन वोह कभी धर्म परिवर्तन नही करेंगे, अगर आपके धार्मिक ठेकेदार ने समाज में उन्हें सम्मान नही दिया तो उन्हें अधिकार है अपने धर्म चुनने का.
जय जय भड़ास
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