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29.9.10

हैवानियत के पंजों ने कुचली मासूम दिव्या

कानपुर की रहने वाली कक्षा 6 की छात्रा 10 वर्षीया दिव्या उर्फ अनुष्का एक भोली-भाली लड़की थी। शिक्षा की रोशनी में वह आकाश की बुलन्दियों को छूना चाहती थी, लेकिन अफसोस वह अब इस दुनिया में नहीं है। किसी हैवान दरिंदे की करतूत ने उसे मौत की नींद सुला दिया। समाज के मुंह पर कालिख पोतने वाली इस घटना से पूरा शहर स्तब्ध तो हुआ ही लोगों में आक्रोश भी बन गया। दिव्या के साथ जो कुछ हुआ उसे सुनकर शायद हैवानियत के भी रोंगटे खड़े हो जाये। गणेशनगर के भारती ज्ञान स्थली स्कूल की मासूम छात्रा के साथ ब्लीडिंग की बात सामने आयी। संस्कृत की अध्यापिका जब क्लास में पहुंची, तो यह पता चला। तबियत खराब होने पर उसकी मृत्यु हो गई। दिव्या के साथ वहशीपन का खेल कब खेला गया पुलिस इसकी जांच पड़ताल कर रही है। पोस्टमार्टम में बलात्कार की पुष्टि होने के बाद अंदाजा लगाया जा सकता है कि ज्ञान के मंदिर में कौन सा खेल उस मासूम के साथ खेला गया। वहशीपन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसका पोस्टमार्टम करने वाली तीन चिकित्सकों की टीम भी चौंक गई। उसकी दोनों हथेलियों बायें पैर व पेट के निचले हिस्से में दांतों से काटे जाने के निशान मौजूद पाये गए। बलात्कार के दौरान अधिक खून बहने के चलते बच्ची की मौत हुई। हैवान दरिंदा अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। अफसोस की बात यह है कि शर्मसार घटना को शिक्षा के मंदिर में अंजाम दिया गया। दिव्या का गरीब परिवार इंसाफ की मांग कर रहा है।  

5 comments:

Anonymous said...

aise karya karane wale darinde ko dhananjay chatarji ki trah fasi pr lataka diya jaye vo bina kisi tryal ke

dhirendra from dehradun

Dr.siddharth chakrapani said...

Aise vahshi darinde ko wo saza deni chahiye ki iski saat peediyan yaad rakhen.....beech chorahe par pattharon se marna chahiye isko.
lekin doston ye india hai yahan insaff mangne wale ko itna intjaar karna padta hai ki wo aant me thak jata hai...........
SIDDHARTH CHAKRAPANI
HARIDWAR

siddharth chakrapani said...

aise darinde ko chorahe par khada karke patthron se marna chahiye taki iski saat peediyan yaad rakhen,
but doston ye india hai wo sala police ki pakad me aa jae yhi ganimat hai..........

Khare A said...

kanoon bahut hi kamjor he bhai, tabhi ye ghatnaye bar bar dohrai jati hain, jurm karne wale ko pat ahe usko kya saja ho sakti he,
usko koi dar nhi he,

is kannon ko badlo pehle, aise darinde ko nanga karke churahe par ulta latka do, let the people hit him. till he breath last,

kisi ka balatkar ho gaya publically, kanoon sabut mangta he , kya majak he, roz geeta-kuraan ki dhajjiya udai jati hain, shame on this law...

Anonymous said...

aise haiwan ko goli mar deni chaiye aur kute ko uski laas khane ke leye dena chaiye 10 saal ki bachhi ko mata ka rup man kar log pughte hai

santosh pandey from hindmotor(w.b)