देहरादून। रामदेव ने उत्तराखण्ड के विकास को लेकर जो बयान दिया उससे भाजपा में हडकम्प है सरकार के बचाव में राज्य मीडिया सलाहकार समिति के अध्यक्ष ने रामदेव पर हमला बोला। उन्होनें बोला रामदेव ने जो बयान दिया वह तथ्यों से परे है। यहां तक गुणगान कर दिया कि कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल में जो कार्य हुए उससे अध्कि कार्य प्रदेश के वर्तमान भाजपा सरकार ने तीन वर्षो में कर दिये है। वहीं बीती शाम रामदेव के संगी बालकृष्ण की मुख्यमंत्राी से सचिवालय में भेंट हुई। बाबा रामदेव अपने बयान से पलटे गये दावा किया कि उनके बयान को मीडिया ने गलत ढंग से पेश किया है। ऐसे में सवाल उठ रहे है कि ‘‘बाबा रामदेव सही है या पिफर मीडिया सलाहकार अध्यक्ष’’! उल्लेखनीय है कि हल्द्वानी मेें मीडिया से बातचीत के दौरान योगगुरू बाबा रामदेव ने कांग्रेस शासनकाल में नारायण दत्त तिवारी को प्रदेश में विकास पुरूष का ताज पहना दिया और यहां तक कह दिया कि अन्य सरकार राज्य का विकास नहीं कर पाई। बाबा रामदेव की इस टिप्पणी पर भले ही भाजपा के अन्दर भूचाल मचा और किसी भी बडे या छोटे नेता ने बाबा रामदेव के खिलापफ कोई मोर्चा नहीं खोला लेकिन हर सरकार में मुख्यमंत्राी की परिक्रमा करने वाले डॉक्टर भसीन जोकि मौजूदा समय में प्रदेश मीडिया सलाहकार समिति अध्यक्ष ने मुख्यमंत्राी के सामने अपने नम्बर बढाने के लिए तत्काल एक पत्रा जारी कर दिया जिसमें उन्होंने कहा कि योगाचार्य स्वामी रामदेव ने उत्तराखण्ड के विकास को लेकर जो बयान दिया है वह तथ्यों से परें है और जानकारी के अभाव में दिया गया प्रतीत होता है। अन्यथा स्वामी रामदेव उत्तराखण्ड में कांग्रेस स्थान पर भारतीय जनता पार्टी सरकार के कार्यो की प्रसन्नसा करते। डॉ भसीन ने स्वामी रामदेव के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के पांच वर्ष के तुलना में भाजपा के तीन वर्षो मे किये गये कार्यो से सम्बन्ध्ति पुस्तिका सन्दर्भ हेतु स्वामी जी को भेज रहे है। अपने बयान में प्रदेश मीडिया सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ देवेन्द्र भसीन ने कहा कि स्वामी रामदेव का यह कथन कि नारायण दत्त तिवारी को छोडकर कोई अन्य सरकार राज्य का विकास नहीं कर पाई तथ्यों पर आधरित नहीं है। जबकि वास्तविकता यह है कि राज्य में कांग्र्रेस सरकार के पांच वर्षो मंे जो कार्य किये गये उनसे कई अध्कि कार्य प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा तीन वर्ष में कर लिये गये है। यह बात विकास के आंकडों से सि( होती है। डॉ देवेन्द्र भसीन को आखिरकार बाबा रामदेव का बयान इतना क्यों खल गया कि उन्होंने आनन-पफानन में अपना बयान जारी करने का पहले तो परपंच रचा और उसके बाद अखबार के दफ्रतर मेें पफोन करके कहा कि अब यह बयान मत प्रकाशित मत करना क्योकि बाबा से बात हो गई है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या अब अखबार मैं क्या छपना है और क्या नहीं यह मीडिया सलाहकार के अध्यक्ष तय करेगे। क्योंकि वह आजतक भले ही मीडियाकर्मियों की समस्याओं का हल करने के लिए कोई पहल न कर पाये हो लेकिन वह सरकार की पैरवी में ही जुटे रहते है। ऐसे में इस सलाहकार समिति का अस्तित्व में बना रहना एक नौटंकी के अलावा कुछ नहीं कहा जा सकता। वहीं बाबा रामदेव अपने दिये गये बयान से 24 घंटें बाद ही पलट गये और उनका कहना था कि बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। अब बाबा रामदेव से कोई यह पूछे कि अगर उनका बयान गलत तरीके से पेश किया गया है तो क्या वह उन मीडिया कर्मियों के खिलापफ कोई नोटिस देंगे जिन्होंने उनका बयान गलत ढंग से पेश किया है। वहीं अब यह सवाल भी तैर रहे है कि ‘‘स्वामी रामदेव सही है या मीडिया सलाहकार समिति के अध्यक्ष’’!संभार crimestory
30.10.10
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1 comment:
दोनों ही गलत हैं.एक तो सियासतदान पहले से ही है और बाबा भी सियासत में aa chuke हैं और इसलिए झूठ बोलने लगे हों तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
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