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11.1.11

वह लडकी

पायल। उमर महज 9 साल। दुनियादारी से हटकर खेलने कूदने, मौजमस्‍ती करने की उमर में यह लड़की अल सुबह घर से निकल जाती है और फिर शुरू होता है ट्रेन दर ट्रेन का सफर। देश के सबसे समृध्‍द राज्‍य गुजरात के सूरत और बडोदरा के बीच हाथों में लकडी के दो टुकडे रखकर उससे अलग अलग तर‍ह के संगीत निकालकर गाना गाते हुए इस नन्‍ही लडकी को देखा जा सकता है। शिरडी वाले साईं बाबा और देख तमाशा लकडी का जैसे गाने गाकर पायल पहले लोगों का दिल खुश करती है और इसके बाद उनसे जो भी मिल जाए खुशी से ले लेती है। इस तरह  पायल हर दिन तकरीबन सौ से लेकर दो सौ रूपए कमा लेती है और फिर निकल पडती है अपने घर की ओर। सूरत से लगे गांव उदना की रहने वाली पायल वैसे  तो खुद बच्‍ची है लेकिन हालात ने उसे बडा कर दिया है। वह कहती है, ‘’ घर में उसकी मां है, एक बहन और दो भाई हैं। उनमें वह सबसे बडी है सो घर की सारी जिम्‍मेदारी उस पर ही है।‘’ वह बताती है कि एक बहन है जो सूरत की सडकों में चमचमाती कारों के लाल बत्तियों पर रूकने का इंतजार करती है और कारों के शीशों में पडे धूल को साफ कर  कुछ कमा लेती है, मां घर में ही सिलाई कढाई का काम करती है, पडौस में चौका बरतन करती है, कुछ कमाई हो जाती है। एक भाई अभी मां की गोद में है और दूसरा स्‍कूल जाता है। वह बताती है कि वह अपने भाई को पढा लिखाकर बडा आदमी बनाना चाहती है इसलिए उसे अपने साथ नहीं लाती, स्‍कूल भेजती है। पांच साल का है उसका भाई। शायद पहली में पढता हो लेकिन पायल मासूमियत से इस सवाल पर कि भाई कौन सी क्‍लास में है, कहती है, नहीं मालूम, आज घर जाकर पूछूंगी।
बाप नहीं है, इस सवाल पर पायल कहती है, है लेकिन उसने हमें छोड दिया है, दिन भर दारू पीता है, झगडे के बाद घर से अलग रह रहा है।
ट्रेन में गाना गाते हुए पायल को जब मैंने देखा तो ऐसा लगा कि उससे बात करनी चाहिए, और जब उससे बात शुरू की तो उसने अपनी पूरी जिंदगी जो महज नौ साल की है, परत दर  परत खोल कर रख दी। पायल वैसे तो एक आम लडकी है, जो दिन भर की मेहनत के बाद सौ रूपए कमाती है लेकिन उससे बात कर उसकी बातें सुनकर ऐसा लगा कि पायल से काफी कुछ सीखा जा सकता है। पायल 21 सदी के भारत के सामने कई सवाल भी खडे करती है।

2 comments:

Shalini kaushik said...

ye hamare bharat desh ki hakikat hai ki yahan shiksha ka adhikar to diya jata hai kintu shiksha ke liye jo suvidhain aavshyak hain unki or kisi ka dhyan nahi jata.bahut achchhi prastuti.....

Dr Om Prakash Pandey said...

bhautikata kee bhagdaud mein sabkuchh gaddamgadd hai . apka post achchha laga .