दीपक बाबा की बक बक: बाबा, संभाल अपनी लंगोटी और लौटा ...:
"बाबा बहुत बोले है तू....... बहुत बोले है...... तने बैरा नहीं ठाकुर(आइन) को किसी भगवाधारी की ऊँची आवाज पसंद नहीं है ......... और तू है की बक बक (इसके अलावा और क्या है) किये जा रहा है...."
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
दीपक बाबा की बक बक: बाबा, संभाल अपनी लंगोटी और लौटा ...:
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