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6.3.08

कोई कहता है कि सेक्स एक विज्ञान है कोई कहता है कि कला है



मैने अपनी पिछली पोस्ट में जो भी लिखा था वह कोई भारी वैज्ञानिकता की बात नहीं थी बल्कि मैंने अपने और एक सामान्य(सिर्फ़ और सिर्फ़ सामान्य) औरत की बात कही थी । इस पर जिन महानुभाव ने उस पोस्ट पर टिप्पणी की पूंछ लगा दी है उनसे चंद बातें बांटना चाहूंगी बाकी भड़ासी भाई-बहन अगर चाहें तो इस बात में मुंह मार लें मैं सबको निमंत्रित कर रहीं हूं वैसे तो न्योता देने की जरूरत नहीं है बिना कहे ही मेरे भाई-बहन कूद पड़ते हैं । जो भी बातें लिखी गयी हैं उसके बारे में बस इतना ही कहना है कि अगर किसी पेड़ से कहा जाए और अगर वो मासूम जवाब दे सके तो कहें कि भइया क्या तुम जिस पानी को जमीन से चूँस-चूँस कर बड़े हुए हो और अब फल फूल रहे हो क्या उस पानी का जरा सा भी ज्ञान रखते हो कि उसमें कितना हाईड्रोजन और कितना भाग ऑक्सीजन होता है ,आपको क्या लगता है कि वो क्या जवाब देगा ? वो पेड़ कहेगा कि प्रभु,कैसी पगलाई सी बातें कर रहे हो हमने तो कभी इस बारे में सोचा ही नहीं और तुम हो कि ये सब सोच रहे हो । जीवन को विज्ञान के नजरिये से देखने पर मैं और तुम बस रसायनों के चलते-फिरते से ढेर ही नजर आते हैं और जीवन महज एक रसायनिक प्रतिक्रिया के अलावा कुछ नहीं है । जीवन की शुरूआत भी कुछ ऐसी ही है जो कि सेक्स से शुरू होता है और यह भी ऐसा ही होता है । कोई कहता है कि सेक्स दो टांगो के बीच का नहीं बल्कि दो कानो के बीच का विषय होता है ,कोई कहता है कि सेक्स एक विज्ञान है कोई कहता है कि कला है । अब कोई किसी कनखजूरे से कहे कि राजा तुम्हारे तो हजार पैर हैं तो तुम ये कैसे निर्णय लेते हो कि पहले कौन से पैर को उठाना है तो यकीन मानिये कि वो कनखजूरा अगर इस बात को सोचने लगे तो जिन्दगी भर नहीं चल पायेगा । ब्रह्मचर्य क्या होता है ये वो लोग कभी नहीं समझ सकते जो सेक्स को एनालाइज करके समझना चाहते हैं उन्हें किताबों को पढ़ कर भला क्या समझ में आयेगा इसलिये उनकी हालत बस पूरा जीवन कनखजूरे जैसी ही बनी रहती है । इन लोगों को सलाह है कि जिन किताबों को पढने की सलाह दी जा रही है उनके साथ जरा हमारे डा.रूपेश श्रीवास्तव का लिखा साहित्य भी पढ लें क्योंकि मेरी तो सोच अब बदलने से रही हो सकता है शायद आपकी सोच पर प्रभाव पड़े ।
भड़ास ज़िन्दाबाद

2 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

जै हो भड़ास माई की.....
ई का बरम ग्यान बरसा रही हैं माते..
जै हो जै हो....

Unknown said...

mate jai ho..jai ho...sex vigyan kla kuchh nhi yh ek kam hai...bs kam...mn lgakr krnelayk....maf krna mate..