मुख्य माडरेटर और अपने भाई डा. रूपेश श्रीवास्तव के अनुरोध से मैं पूरी तरह सहमत हूं। तीन भड़ासी साथियों वरूण राय, रजनीश के झा और कमला भंडारी को उनकी सक्रियता और उनकी विचारधारा को देखते हुए उन्हें भड़ास संचालक मंडल में शामिल किया जाता है। हरेप्रकाश जी इस समय आउट आफ स्टेशन हैं, सो उनकी राय उनके आने पर ले ली जाएगी।
फिलहाल तीनों साथियों को भड़ास संचालक मंडल में जो पद दिया गया है वो इस प्रकार है....
मनीष राज जो पहले प्रवक्ता थे, उन्हें अब भड़ास का मुख्य प्रवक्ता बना दिया गया है।
प्रवक्ता पद पर वरूण राय और रजनीश के झा को नियुक्त किया गया है।
महिला मोर्चा में अब तक दो साथी थे, मुनव्वर सुल्ताना और रक्षंदा रिजवी। अब इनमें कमला भंडारी को भी शामिल कर लिया गया है।
आप उपर चल रहे टिकर पर भड़ास के पुनरव्यवस्थित संचालक मंडल को देख सकते हैं।
इन तीन साथियों को मेरी तरफ से बधाई और शुभकामनाएं। उम्मीद है इनके संचालक मंडल में जुड़ने से भड़ास की ताकत और ज्यादा बढ़ जाएगी।
मैं डा. रूपेश का तहेदिल से शुक्रगुजार हूं जो समय समय पर भड़ास के सक्रिय साथियों को संचालक मंडल में जोड़ने के लिए पहल करते हैं। भविष्य में भी भड़ास संचालक मंडल में कोई भी फेरबदल उनके सुझाव के आधार पर ही होगा, जिसकी सहमति हरे प्रकाश भइया से ली जाएगी।
एक जरूरी सूचना देनी थी, सभी भड़ास सदस्यों को। गूगल के विज्ञापनों से अर्जित आय अब इतनी हो गई है कि गूगल बाबा को हम लोगों को चेक भेजना होगा। यह चेक लगभग चार हजार रुपये का संभव है। यह चेक अगले महीने के लास्ट में चलेगा तो जुलाई फर्स्ट वीक तक मिलने की उम्मीद है। उसे भुनाने के बाद उस रकम से भड़ास सम्मेलन कराने की योजना है जिसमें दिल्ली के बाहर के साथियों को भी बुलाया जाएगा और उनके रहने खाने की व्यवस्था की जाएगी। इस सम्मेलन में हरे प्रकाश भइया की सर्वश्रेष्ट भड़ासी कविता बुराई के पक्ष में के लिए सर्वश्रेष्ठ भड़ासी कवि का इस साल का सम्मान दिया जाएगा। अगले साल के सर्वश्रेष्ट भड़ासी कवि के नाम की घोषणा हरे प्रकाश जी ही करेंगे। साथ ही सुरेश नीरव जी को भड़ास में उनके विशिष्ट काव्यमय योगदान के लिए सर्वश्रेष्ट भड़ासी कवि हृदय का पुरस्कार दिया जाएगा।
देखते हैं, ये योजनाएं कब तक अंजाम तक पहुंचती हैं। फिलहाल तो इतना ही है कि भड़ास से गूगल एडसेंस के जरिए जो आय हो रही है, उसका एक एक पाई भड़ास की बेहतरी के लिए खर्च किया जाएगा, उसमें से एक पैसा भी मैं निजी तौर पर इस्तेमाल नहीं करूंगा, ये मेरा वादा है।
एक सुझाव भी मेरे पास आया था। एक पत्रकार साथी का कहना है कि कई पत्रकार साथी इस स्थिति में हैं जो भड़ास को विज्ञापन दिला सकते हैं। उससे जो आय हो उसके जरिए जरूरतमंद पत्रकारों के मदद के लिए ट्रस्ट या कोष वगैरह बनाया जा सकता है। यह विचार मुझे पसंद आया पर इसकी शुरुवात किस तरह हो, यह समझ में नहीं आ रहा।
आप जो भी साथी इन लाइनों को पढ़ रहे हों, अपने विचार जरूर दें ताकि विचारों को कार्यरूप में आगे बढ़ाया जा सके।
जय भड़ास
यशवंत सिंह
5.5.08
भड़ास संचालक मंडल, गूगल एडसेंस और ट्रस्ट संबंधी कुछ जरूरी सूचनाएं
Posted by यशवंत सिंह yashwant singh
Labels: कुछ सूचनाएं, गूगल एडसेंस, नई ज्वायनिगं, भड़ास, यशवंत, संचालक मंडल
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9 comments:
विज्ञापन वाला आइडिया बुरा नहीं है भाई परन्तु विज्ञापन अपने साथ देर-सवेर विवाद भी ला सकता है. हालांकि विवाद से हम डरते नहीं हैं पर भड़ास के दामन पर दाग न लगे इसका हमें ख्याल रखना होगा. भड़ास सम्मेलन वाला आइडिया भी मुझे पसंद आया. सच पूछिए तो मैं ख़ुद इस विषय में आप लोगों से बात करने वाला था. परन्तु भाई चार हजार रुपये से क्या होगा. खैर पैसों की तो व्यवस्था हो ही जायेगी . मुझे बेसब्री से इस प्रोग्राम को आगे बढाने की पहल का इन्तेजार करूंगा.
जय जय भड़ास
वरुण राय
दादा,वो ट्रस्ट और होंगे जहां भ्रष्ट लोग पहले से ही तय कर लेते हैं कि किसे कितना खाना है लेकिन आपको याद है न भड़ासाश्रम की चर्चा जो हमारे बीच हो चुकी है। जिसे जो सहयोग बनता है करता चले यहां लोग पैसों की दीवानगी से परे हैं अच्छा किया जो आपने खुल कर घोषित कर दिया कि हम भड़ास की आय को निजी प्रयोग में नहीं खर्चते हैं। सम्मेलन की रूपरेखा आप हरे भइया के आने पर निर्धारित कर लें क्योंकि आने वालों को रिजर्वेशन वगैरह कराना पड़ेगा। वरूण भाई हमारे दामन पर कोई क्या दाग लगाएगा हम तो जनम से ही नंगे हैं दाग लगाने वाले को पहले एक दामन दान करना होगा फिर दाग-वाग जो लगाना हो लगाता रहे और हम धोते रहेंगे...... :)
जय जय भड़ास
आप भी चीज हैं डॉक्टर साहेब
वरुण राय
नए अंकल आंटियों का स्वागत है भड़ास के वरिष्ठ कक्ष में, देखियेगा कि बच्चे-कच्चे किस तरह से भड़ास निकाल रहे हैं कहीं किसी की उल्टी में ज्यादा बदबू तो नहीं है.....?
वरूण भाई डा.साहब वाकई एक अनोखी सी "चीज" ही हैं जिनसे एक बार अगर कोई मिल ले तो मुरीद हो जाए, ये तो यशवंत दादा भी बेहतर जानते हैं और दूसरी ऐसी ही चीज हैं हमारी मनीषा दीदी जो आजकल १० मई को विक्रोली में होने वाले सम्मेलन में व्यस्त हैं....
एड का सुझाव अच्छा है...
दादा,
सबसे पहले तो हमारा मित्रवत मिलन कार्यक्रम हो जाए, कार्यक्रम के दौरान ही भडास के आगे के कदम पर चर्चा सार्थक रहेगी.
जय जय भडास.
पहले पहल तो भडास के उक्त तीनों नए पदाधिकारियों को बहुत बहुत बधाई। दूसरी बात यह कि भडास को इस मुकाम तक ले जाने के लिए भाई यशवंत और भाई रूपेश का बहुत बहुत शुक्रिया। यशवंत भाई का सुझाव बेहद सकारात्मक है कि जो एड से पैसा आए उसका सदुपयोग किया जाए। इस संबंध में पहला प्रस्ताव कि एक भडास सम्मेलन हो पूरी तरह से सही है। इसके बाद जरूरतमंदों की मदद करने की बात से भी मैं पूरी तरह सहमतद हूं।
yashwantji aapka bhadasiyo ka milan wala aaidiya badiya hai .isshse vicharo ka aadan-pradan to hoga hi saath hi sabme naya josh bhi bhar jaayega ki bhadas kewal machinee yantra par apne vichar daalne tak ya anjano ko comment karne padhne bhar tak hi seemit nahi hai balki ek parivaar hai sayoukt privaar .bas hum sabko ek wada karna hoga ki kuch man ke mele -kuchale logo ke aag lagaane se bhi ye parivaar na toote.
jaroort-mnd ptrkaron ke lie trust ya kosh bnane ka sujhav bahut achchha hai....kuchh kiya jae is pr.
यशंवत भाई भडास सम्मेलन वाला कार्यक्रम शींध्रता से करले वही पर सब कुछ तय कर लेगें । हम तो बस अभी से कल्पना करने लगे है कि उस स्थान का क्या होगा जहां पर 290 भडासी एक साथ होगें
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