मुझे नहीं पता चल पाया कि क्या हुआ,प्रयास कर रहा हूं लेकिन जो हुआ वो एक अपूरणीय क्षति है हिन्दी ब्लागिंग के लिये , क्या विस्फ़ोट ब्लागवाणी के व्यवहार से इतना क्षुब्ध हो गया कि भावुकता में आकर हमेशा के लिये ब्लाग विस्फ़ोट को बंद कर दिया । आप देख सकते हैं इस दुःख भरी बात का प्रमाण उस यू आर एल पर जाकर जहां अब लिखा है
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यह ब्लाग बंद हो चुका है
विस्फोट ब्लाग स्थाई रूप से बंद किया जा चुका है. इस ब्लाग पर अब किसी प्रकार की कोई गतिविधि नहीं होगी. आपकी असुविधा के लिए हम क्षमाप्रार्थी हैं.www.visfot.comमेहरबानी करके इस तरह के निर्णय लेने के लिये बाध्य करे जाने वाले लोगों का पुरजोर विरोध करें..
7.5.08
विस्फोट ब्लाग स्थाई रूप से बंद किया जा चुका है
Posted by डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)
Labels: विस्फोट
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4 comments:
agar koi hamarey nirnay ko banaata haen to yae hamaari kamjori haen
visfot ka band hona ek nirnay haen blog owner kaa , per agar woh is vajah sae band hua haen to blog owner kii kamjori haen
rupesh ji visfot ke baare me jaankar dukh hua .chhahe kuch bhi ho visfot ko band nahi karna chhahiye tha. ishse dushmano ko aur bhadhava milega.
भाई,
कुछ समझ में नहीं आया बात, अनिल भाई ने ये क्योँ बंद कर दिया, जो भी हो हम इसके बंद होने से बड़े आहत हैं. परन्तु मुद्दा सामने आना ही चाहिए. और अगर ये मठाधीशों की मठगिरी है तो हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और उम्मीद करते हैं की बात सामने आये और हम इसके विरोध में पुरजोर मुखालफत करें.
जय जय भडास
अज्ञात जी की बातों से सहमत हूँ और पूरी बात जानने के तीव्र इच्छा है.
जिनकी वजह से भी ऐसा हुआ है उन्हें लानत भेजता हूँ.
वरुण राय
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