आपको यकीं कर लेना चाहिए कि अब आगे आने वाला दौर हिंदी वालों का ही है। जिस तरह दिन पर दिन हिंदी अखबार मजबूत से बेहद मजबूत होते जा रहे हैं और अंग्रेजी अखबारों की हालत पतली होती जा रही है, उससे तो यही लगता है कि हिंदी वाले अब हर जगह अपना सिक्का जमा रहे हैं। खासकर देश की राजधानी दिल्ली में जहां लोग हगते मूतते और पादते भी अंग्रेजी में हैं, वहां अंग्रेजी अखबारों की प्रसार संख्या में गिरावट देखी गई।
आईआरएस 08 राउंड वन के नतीजों को एक्सचेंज फार मीडिया डाट काम ने एनालाइज किया है और उसने बताया है कि दिल्ली में टीओआई की प्रसार संख्या में एक परसेंट की गिरावट है जबकि मुंबई में बस थोड़ी सी बढ़ोतरी है। उम्मीद है, अगली बार मुंबई वाले भी अंग्रेजी अखबारों को छोड़कर हिंदी या मराठी अखबारों को गले लगाएंगे। दरअसल अंग्रेजी अखबारों को छोड़ना एक प्रतीक है, अंग्रेजियत की गांड़ पर लात मारने के लिए।
दिल्ली में टीओआई की गिरावट एक फीसदी है तो एचटी की दो फीसदी, हिंदू की 14 फीसदी और इंडियन एक्सप्रेस की 3 फीसदी गिरावट है। ये गिरावट बताती है कि दिल्ली जैसी इलीट जगहों पर अब महत्वपूर्ण पदों पर हिंदी वाले भाई काबिज होने लगे हैं, भले ही ये हिंदी वाले भाई अंग्रेजी बोलना जानते हैं, लिखना जानते हैं और आफिस के अंग्रेजी के काम को अंग्रेजी में निपटाते हैं पर वे अपने संस्कार, रहन-सहन और सोच में पूरी तरह देसज व हिंदी वाले हैं। इसीलिए ये लोग अपने घरों में हिंदी अखबारों को प्रीफर करते हैं।
चलिए आपको एक्सचेंज4मीडिया की पूरी खबर ही चोरी करके पढ़वा देते हैं.....
IRS 2008 R1:
TOI tops the English dailies’ list in Mumbai & Delhi, even as leading dailies register a dip
The Times of India has retained its leadership position in both Delhi and Mumbai according to the Round 1 of the Indian Readership Survey (IRS) 2008. An interesting point here is that the readership of key publications in Delhi has seen a clear decline unlike in Mumbai, where players have managed to hold on to their readers.
In Delhi, The Times of India’s readership dipped by 1 per cent to 2,113,000, whereas in Mumbai, the paper has registered a marginal increase from 1,553,000 in the last round to 1,571,000.
Delhi per se has shown decline for all the players. Hindustan Times, the second highest read publication in Delhi, has seen a drop of 2 per cent from 1,907,000 in the last round to 1,862,000. The Hindu has dropped 14 per cent drop from 92,000 to 79,000, while Indian Express, which had a readership of 68,000 in 2007 Round 2, has dropped to 66,000 in this round, registering a 3 per cent dip.
On the other hand, in Mumbai, all players, with the exception of Indian Express, have shown an increase in readership. Market leader The Times of India has seen a 1 per cent increase, while its sibling Mumbai Mirror has increased by 3 per cent with a readership of 737,000, thus becoming the second most read paper in Mumbai. DNA, with a readership of 622,000 is at No. 3. The daily has show a 3 per cent rise from the 603,000 it had in the last round.
Mid-Day has seen a 4 per cent increase in readership from 516,000 that it had in IRS 2007 Round 2 to 538,000 in this round. The Hindustan Times has registered an 8 per cent increase – from 354,000 to 381,000, while Indian Express has seen a 16 per cent fall, from 81,000 in the last round to 68,000 in this round.
तो भई भड़ासियों, देखो, आज मैंने कितनी मेहनत (चोरी करने और टीपने में) कर करके ये सब खबरें जुटाई हैं और आप लोगों तक पहुंचाई है। आप लोगों को अगर थोड़ा भी भला हुआ तो समझो मेहनत सार्थक.....
जय भड़ास
यशवंत सिंह
1.5.08
दिल्ली वालों का दिल अंग्रेजी से उखड़ रहा है, टीओआई और एचटी धड़ाम हो रहे
Posted by यशवंत सिंह yashwant singh
Labels: अंग्रेजी अखबार, आईआरएस, भड़ास, मीडिया, रिपोर्ट, हिंदी मीडिया
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6 comments:
यशवंत भाई,
मेहनत तो आपने बहुत की है पर जरा सा चूक भी गए हैं। प्रसार संख्या और पाठकों की संख्या में एक बहुत बड़ा फर्क है। इंडियन रीडरशिप सर्वे में पाठकों की संख्या का उल्लेख किया जाता है और आडिट ब्यूरो आफ सर्कुलेशन द्वारा प्रसार संख्या प्रमाणित की जाती है। इंडियन रीडरशिप सर्वे द्वारा यह मान के चला जाता है कि एक हिन्दी अखबार को 8 पाठकों द्वारा पढा जाता है और उसी आधार पर प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि दैनिक जागरण की प्रसार संख्या 70,75,700 है और उसकी पाठक संख्या 5,66,00,000 है।
अनिल सिन्हा
कुल मिला कर सिन्हा साहब और यशवंत भाई
की जानकारी, काफ़ी रोचक है।
लगे रहिये मुन्ना भाई......
राम भला करे हमारे दादा और अनिल जी का....
सबका भला होई गवा....
yashwantji itni rochak jaankari dene ke liye bahut bahut dhanyabad.saath hi hindi bhasha ke prati logo ko jaagrit karne me aapka yougdaan saraahniya hai.
यशवंतजी,
भड़ास अब मीडिया की चर्चाओं की चर्चा में है, यह सार्थक, सुखद और संभावनावान संकेत है। ओर निष्पक्ष अभिव्यक्ति के जयघोष का उत्सव भी। आपको इस सात्विक उपलब्धि हेतु अनेक बधाइयां।
पं. सुरेश नीरव
दादा, बड़ी जल्दी इन में हम भी होंगे, सब पे भरी जो परते जा रहे हैं.
जय जय भडास
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