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2.8.08

मिशन इस्तांबुल-बेहतरीन कोशिश


मिशन इस्तांबुल

निर्देशक-अपूर्व लाखिया

संगीत-अनु मलिक और जाने कौन-कौन

आतंकवाद आज पूरी दुनिया की उभयनिष्ठ समस्या बना हुआ है। महाशक्ति अमरीका, ब्रिटेन समेत भारत इस नासूर का से त्रस्त का इलाज खोज रहा है। आतंकवाद पर हॉलीवु़ड और बॉलीवुड में कई फिल्में बन चुकी हैं। निर्देशक अपूर्व लाखिया की हालिया रिलीज फिल्म मिशन इस्तांबुल भी आतंकवाद की पृष्ठभूमि पर बनी है। लेकिन अपूर्व की फिल्म में आज के आतंकवाद की तबाही मचाने वाली नई सोच को दिखाया गया है। फिल्म में चरमपंथी मीडियाकर्मियों का मुखौटा पहनकर एक जाने माने खबरिया चैनल अल जौहरा के अंदर बैठकर दुनियाभर में आतंक और दहशत का खेल खेलते हैं। अपूर्व ने फॉर्मुला फिल्म में भी नयापन का छौंका लगाया है। अपूर्व की पिछली फिल्म शूट आउट....में माया डोलास का दमदार किरदार निभाने वाले विवेक ओबरॉय ने इस फिल्म में भी शानदार काम किया है। दुर्भाग्य से उनके खाते में कम सीन थे। बाकी पलटन का काम औसत है। विशाल शेखर, प्रीतम और शंकर महादेवन की नई और प्रयोगधर्मी धुनों के आने के बाद लोगों द्वारा लगभग भुला दिए गये अनु मलिक ने फिल्म का संगीत तैयार किया है। अब वह इंडियन आयडल सरीखे नाटक नौटंकी वाले रियलिटी शोज में जज की भूमिका अदा करें तो उनके लिए वही बेहतर होगा। हां, अभिषेक बच्चन पर फिल्माया गया आयटम गीत जब बजता है तो लगता है फिल्म में संगीत भी है।फिल्म में शूटिंग तुर्की के खूबसूरत शहर इस्तांबुल में की गई है। कहानी के हिसाब से लोकेशन एकदम फिट बैठती है।

2 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

भाई,अगर इसकी पाइरेटेड कापी मिले तो हम भी देख कर कुछ बोलें... वैसे अगर कोई फ़ोकट में कोई दिखाने वाला मिल जाए तो भी देख लेंगे...हमें तो अपने जीवन के तीन घन्टे येन-केन-प्रकारेण बिताने हैं ही तो इस तरह क्यों नहीं...??
जय जय भड़ास

Anonymous said...

डॉक्टर साब कोई भी कॉपी मिले फ्री वाली हो तो हम भी साथ हो लेंगे.
मिशन विशन का क्या होता रहता है तीन घंटे कट जाएँ किसी तरह.
जय जय भड़ास