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प्यार को कभी भी किया नहीं जा सकता। प्यार तो अपने आप हो जाता है। दिन और रात... धरती और आसमान, एक दूसरे के बिना सब अधूरे हैं। सन -सन करती हवाएं, सुन्दर नजारे, फूलों की खुशबू ... सभी में छिपा होता है प्यार... कुछ तो प्यार में हारकर भी जीत जाते हैं, तो कुछ जीतकर भी अपना प्यार हार जाते हैं। प्यार एक ऐसा नशा है जिसमें जो डूबता है वो ही पार होता है। प्यार पर किसी का वश नहीं होता.... अगर आप भी प्यार महसूस करना चाहते हैं तो डूबिये किसी के प्यार में ... दुनिया की सबसे बड़ी नेमत है ढाई आखर का प्यार... जब आप भी किसी को चाहने लगते हैं तो उसके दूर होने पर भी आपको नजदीक होने का अहसास होने लगता है , हर चेहरे में आप उसका चेहरा ढूंढने की असफल कोशिश करते हैं, कोई पल ऐसा न गुजरता होगा जब उसका नाम आपके होठों पर न रहता हो ... यही तो होता है प्यार... सुन्दर, सुखद , निश्छल और पवित्र अहसास। पूरी दुनिया के सुख इस प्रेम में समाए हुए हैं। यह शब्द छोटा होते हुए भी सभी शब्दों में बड़ा महसूस होता है।
sanjay sen sagar
2 comments:
love behad acche se explan kiya
सही कहा आपने शायद इसे शब्दों मैं भी परिपूर्णता नहीं मिल सकती. इसे सिर्फ महसूश किया जा सकता है. परिभाषित नहीं. एक प्रेम मीरा का अपने इश्वर से था जिसने एक मूर्ति मैं भी जान डाल दी.इसलिए प्रेम मैं एक शक्ति भी है जो प्रेमी को अपनी और खिचती भी है.
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