दलों के दलदल में कितने नाम
ख़ास नही कोई सब हैं आम
जात पात धर्म हैं इनके हथियार
लडाई दंगे बदले की ये करते बात
बहुतेरे रंग में रंगी इन सबकी जात
देख कर इनको गिरगिट को आती लाज
भूल गए ये रोटी कपड़ा मकान की बात
भूल गए ये जनता के सम्मान की बात
शिक्षा शान्ति रोजगार इनको नही भाता
रिश्तों के नाम आर इनके न जोरू न जाता
बढाते टैक्स लगाते वैट करके विकास की बात
बदले में देते हमको महगाई स्मारक पार्क की सवगात
3.11.08
दलों का दलदल.....
Labels: बदरंग राजनीति
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