एक आज़ाद गीत सुनाएँ
आओ एक आवाज़ उठाएँ
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सैकडों सालों से लड़ रहे हैं
आपस में ही हम इंसान
और राज कर रहे हैं हम पर
स्वावलंबी हुक्मरान
आज स्वराज की मुहीम चलाएँ
आओ एक आवाज़ उठाएँ
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हवा में कितनी बातें बोली
समाज के ठेकेदारों ने
कभी संस्कृति, कभी मज़हब
और कभी बिन बात ही -
जान दी हम इंसानों ने
अब हवा को साफ़ कराएँ
आओ एक आवाज़ उठाएँ
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आवाम की ताक़त-
आजिज़ नहीं है
दरकार है विश्वास की
चलो आज विश्वास की -
एक नन्ही चिंगारी भड़काएँ
आओ एक आवाज़ उठाएँ
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मजलूमों का साथ ना देना-
ज़ुल्म को सहना भी एक ज़ुल्म है
आओ प्रेम की लहर बढाएं
आओ एक आवाज़ उठाएँ
ना धर्म की ना भगवान् की
बात है अपने स्वाभिमान की
अपने अधिकारों का रक्षक-
अपने आप को ही बनाएँ
आओ एक आवाज़ उठाएँ
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बाबरी मस्जिद विवाद, गोधरा हत्या काण्ड, आतंकित कश्मीर, मुंबई बम धमाके, मालेगाँव बम विस्फोट, नंदीग्राम हिंसा, मंगलौर पब हमला, नारी शोषण, हिन्दू रूढ़िवाद , इस्लामी आतंकवाद और करोडों अन्य मसले------ गांधी, सुभाष, भगत सिंह, आज़ाद, बिस्मिल, अशफाक...."इसी देश के लिए जान दी? सोचते होंगे वीर बलिदानी" --
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आओ समाज आज़ाद बनाएँ
आओ भारत निर्भीक बनाएँ
आओ भविष्य सुनहरा बनाएँ
आओ एक आवाज़ उठाएँ.....
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प्रेरणा स्त्रोत - " Fearless Karnataka, निर्भय कर्नाटक "
7.3.09
आओ एक आवाज़ उठाएँ.....
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