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6.6.09

मौत का सामान

देश में रहने वाले बहुत से लोग इस बात पर भारत की आलोचना करने लगते हैं कि अब देश में धार्मिक आज़ादी घटती जा रही है पर साथ ही वे यह भी कहने से नहीं चूकते कि अब अल्पसंख्यकों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कल पाकिस्तान की एक मस्जिद में हुए बम विस्फोट को देखकर यह तो कहा ही जा सकता है कि भारत जैसा और कोई दूसरा देश नहीं है। पाकिस्तान का जन्म ही धर्म की मांग पर हुआ था और आज जिस तरह से धर्म के नाम पर वहां मार काट मची हुई है वह निश्चित ही धर्म के आधार पर देश मांगने पर ही सवाल खड़े कर देती है। आज जिस तरह से पाकिस्तान भी एक विफल देश बनता जा रहा है वह निश्चित ही चिंता का विषय है । मतभेद चाहे कितने भी हों पर धार्मिक स्थलों पर हमला करने वाले किस तरह से अपने को धार्मिक कह सकते हैं यह कोई नहीं जानता पर इस तरह से वे चंद लोग अपनी मनमानी करने में ज़रूर सफल हो जाते हैं। ऐसे देश के बारे में क्या कहा जाए जहाँ पर इबादत भी बंदूकों के साये में ही करनी पड़े और यह भी निश्चित न हो कि कब कौन सिरफिरा अपने को जिहादी कहने वाला वहां आकर गोलियाँ चलाने लगे ?
आज पाकिस्तान को इस बात पर ध्यान देना ही होगा कि कब तक वह इन तथाकथित धार्मिक लड़ाकों के साथ इस तरह से नरमी करता रहेगा ? कल जो आग पाक ने भारत को झुलसाने के लिए लगायी थी वह आज उसे ही जलाने के लिए तैयार बैठी है और सेना, सरकार , आई एस आई को भी कुछ नहीं सूझ रहा कि इनसे किस तरह से निपटा जाए ? जब ये आतंकी पाक सेना के बारे में सब कुछ जानते ही हिं तो उनके लिए इस बात का भय ही नहीं बचा है कि सेना कुछ अलग सा कर देगी। अब भी समय नहीं निकला है यदि आज भी पाक यह तय करे कि उसे इन आतंकियों से वास्तव में निपटना है तो कोई मुश्किल काम नहीं है वरना दुनिया के इतिहास में एक और इस्लामिक राष्ट्र विफल साबित हो जाएगा जो कि बहुत कुछ कर सकने का माद्दा रखता था.

2 comments:

Saiyed Faiz Hasnain said...

jab tak dharm ko bechne wale zinda hai ham kuch nahi kah sakte .

achhi post ke liye badhai...........

Unknown said...

bahut sahi
ekdam sahi
bilkul sahi
______________sahi hai bheedu...........