समलैंगिकता नैतिकता से जादे कानूनी दांव-पेच के मसला बन के रह गइल बा...आज हाईकोर्ट के ऐतिहासिक फैसला के बाद समलैंगिक समाज के लोग के खुशी के ठिकाना नइखे. मगर भारत जइसन पारंपरिक देश में समलैंगिकता पर असमंजस के स्थिति बा.. कोर्ट के कहनाम बा कि धारा 377 जनता के मौलिक अधिकार के हनन बा.. एह से दिल्ली हाईकोर्ट भारतीय दंड़ संहिता के धारा 377 के अपराध के श्रेणी से हटा दिहले बा... न्यायालय के कहनाम बा कि अगर आपसी रजामंदी से कवनो वयस्क पुरुष चाहे महिला आपस में संबंध बनावत बाड़न त ऊ धारा 377 के श्रेणी में ना आई.... कोर्ट के ई फैसला के बाद समलैंगिक लोग में खुशी के लहर दौड़ गइल बा... एगो लइका अपना बाबूजी के समझावत बा- --------------
इ आज के डिमांड बा रउरा ना बुझाई
नर नर संगे, मादा मादा संगे जाई
हाई कोर्ट देले बाटे अइसन एगो फैसला
गे लोग के मन बढल लेस्बियन के हौसला
भइया संगे मूंछ वाली भउजी घरे आई
इ आज के डिमांड बा रउरा ना बुझाई
खतम भइल धारा अब तीन सौ सतहत्तर
घूमतारे छूटा अब समलैंगिक सभत्तर
रीना अब बनि जइहें लीना के लुगाई
इ आज के डिमांड बा रउरा ना बुझाई
पछिमे से मिलल बाटे अइसन इंसपिरेशन
अच्छे भइल बढी ना अब ओतना पोपुलेशन
बोअत रहीं बिया बाकि फूल ना फुलाई
इ आज के डिमांड बा रउरा ना बुझाई
इ पछुआ बयार हवे रउरा ना बुझाई
इ आज के डिमांड बा रउरा ना बुझाई
नर नर संगे, मादा मादा संगे जाई,
इ आज के डिमांड बा रउरा ना बुझाई
रचनाकार : मनोज भावुक
3.7.09
नर नर संगे, मादा मादा संगे जाई, इ आज के डिमांड बा रउरा ना बुझाई
(भोजपुरी साहित्य में पिछले एक दशक से जो सितारा चमक रहा है, उसका नाम है मनोज भावुक। मनोज ने भोजपुरी साहित्य के प्रचार-प्रसार का काम भारत के साथ-साथ यू॰के॰, अफ्रीका आदि के भी देशों में किया है। भारतीय भाषा परिषद ने मनोज भावुक को उनके गजल- संग्रह " तस्वीर जिंदगी के" के लिये सम्मानित किया है।भावुक फिल्म समीक्षक भी हैं और भोजपुरी सिनेमा के विखरे इतिहास को अपने लोकप्रिय शोध पत्र ''भोजपुरी सिनेमा के विकास -यात्रा" में समेटने की सफल कोशिश की है. भावुक इन दिनों "हमार टीवी" में प्रोग्रामिंग हेड हैं। उनके बारे में ज्यादा जानकारी www.manojbhawuk.com और www.manojbhawuk.wordpress.com पर जाकर पा सकते हैं। उनसे संपर्क करना चाहते हैं तो manojsinghbhawuk@yahoo.co.uk का सहारा ले सकते हैं।)
Posted by यशवंत सिंह yashwant singh
Labels: गीत, भड़ास, भोजपुरी, मनोज भावुक, समलैंगिकता
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6 comments:
yashwant bhayi, manoj ji ke darshan karke aapne mujhe dhanya kar diya... aapka bahut-bahut dhanyavaad...
waise manoj ji ki rachna se humra bahut kuchh bujha gayil... jekra bujhe ke ba, raura ukre na bujhayi...
yashwant ji pranam...
aaj pahli bar apke saujanya se bhojpuri kavita padhne ko mili...uske liye bahut-bahut dhanyawad.bada tikha prahar kiya hai kavi[manoj ji] ne samlaingikta par.
yashwant ji pranam...
aaj pahli bar apke saujanya se bhojpuri kavita padhne ko mili...uske liye bahut-bahut dhanyawad.bada tikha prahar kiya hai kavi[manoj ji] ne samlaingikta par.
yashwant ji namaskar.....
.... mai to padhkar koob hansa.... bahut achha lga..... manoj ji ne bahut badhiyan likha hai....
yashwant ji,
This indicates that each and every relation, specially among unmarried people is going to scrutinize with doubt, distrust and with suspioness...
it may lead to hilarious situations
इस मनोज भावुक के मुझे पूर्वा टीवी के नाम पर धोखा दिया था. इसकी असलियत हो भोज्पुरिया वालो ने ठीक से उघारा है
http://www.bhojpuria.com/v2/index.php/samachar/hot-topic/298-manoj-bhawuk-caught-red-handed
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