बाबरी विध्वंस पर गौतमजी का आलेख पढकर जो मनमें आया, लिख मारा. आप भी खेल लें.
सच कहते हैं गौतमजी, राजनीति की चाल.
मानव बिखरा ही रहे, रहे सदा बेहाल.
सदा रहे बेहाल, प्रकृत्ति की उत्तम कृति यह.
नित्य-निरन्तर सुख पानेका अधिकारी यह.
सुन साधक जीवन विद्याके सुर कहते हैं.
राजनीति है चाल गौतमजी सच कहते हैं.
फिरभी सुनलो मित्रवर, कहा अधूरा सत्य.
सभी विधायें भ्रमित हैं, समझो सच्चा तथ्य.
समझो सच्चा तथ्य, रहो मत किसी भरोसे.
देश-समाज-मानव है केवल राम भरोसे.
कह साधक लौटे मानव-विश्वास ये गुनलो.
जानो पूरा सत्य, मित्रवर फिरसे सुनलो.
8.12.09
राजनीती की चाल
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