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5.2.10

बाल और राज पालतू कुत्ते

कुत्ते भी अपने क्षेत्र में दादा होते है लेकिन वो अगर किसी और क्षेत्र में जब जाते है तो दुसरे क्षेत्र के कुत्ते उन्हें वह से निकल बहर कर देते है और अगर वही कुत्ता पालतू बन जाये तो पिंजड़े में कही भी घूम सकता है । ऐसा ही हाल राज ठाकरे और बल ठकरे की है । वो अपने यहा दादा है लेकिन इतनी हिम्मत नही है की वो कही और जाकर गरज दे क्योकि वों जानते है की अगर कही जाते है टी पालतू कुत्ता ही बनकर जाना पड़ेगा ।

5 comments:

Unknown said...

Aap sahi kah rahe hai janaab in kuton ki pooch baarah saal baad bhee sidhi nahi ho sakti hai

Unknown said...

aapke dard ko har deshwasi samajh sakta hai janab .baat aap bilkul sahi kar rahe hain.

जितेन्द्र सिंह यादव said...

in kutton ko pata hain ki pooraa hamara khandaan kutta tha. aur hain bhi . lihaja kutton vaali harktein hee kareinge.

जितेन्द्र सिंह यादव said...
This comment has been removed by the author.
चन्दन गोस्वामी said...

kisi ke khilaap hum bhee ABADHRAA basha ka estemaal karne ka haque nahi hei. agar hum bhee aise karenge too oonme aur hmama me kya farak honga..