मुम्बई हमले के बाद कसाब की सजा को लेकर पूरे देश ने लगभग दो सालों का इंतजार किया। अब कहीं जाकर 6 मई को उसे स्पेशल कोर्ट ने फांसी की सजा दी है। जिस समय कसाब को कोर्ट में फैसला सुनाया जा रहा था, उस वक्त पूरे देश का मीडिया लाइव कवरेज कर रहा था। जैसे ही जज एम एल टहिलयानी ने सजा-ए-मौत का फरमान सुनाया तो कोर्ट से कई लोग बाहर मीडिया के आगे ऐसे भागे जैसे कोई जंग जीत ली है। शायद उस वक्त उनके मन में भारतीय कानून की व्यवस्था नहीं होगी। फांसी का ये फैसला तो अभी विशेष न्यायलय ने दिया है। अभी इसे अमली जामा पहनाने में ना जाने कितना समय ओर लगेगा। बड़े बड़े कानून विशेषज्ञो को भी शायद इसका पता नहीं होगा। मौजूदा हालातों की अगर बात करे तो राष्ट्रपति के पास अभी 28 अपऱाधियों की लिस्ट ऐसी है जिन्होनें सजा-ए-मौत पर माफी मांगी है। लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। देश में आखिरी बार फांसी धनंजय चटर्जी को 14 अगस्त 2004 को लगी थी। गुनाह के करीब 14 सालों बाद उसे सजा दी गई। अगर हालात ऐसे ही रहे तो ना जाने कसाब को फांसी कब दी जायेगी। देश-विदेश की सभी मीडिया ने इस खबर को ऐसे पेश किया है मानो कसाब को फांसी दे दी गई है। लेकिन अफसोस मुम्बईं हमले में मारे गये बेकसूर लोगो के परिजनों को शांतवना कब होगी।
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7.5.10
पता नहीं कब मिलेगी कसाब को फांसी
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2 comments:
सभी इन्तेजार कर रहे हैं जी इसका तो .
sach kaha .ladai to abhi shuru hui hai.
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