अजमल आमिर कसाब ऐसा खूंखार आतंकी जो मुम्बई हमले में एक मात्र जीवीत बच पाया है। भारत ही नहीं पूरे संसार में इस आतंकी की करतूत हर मीडिया में आ चुकी है। विश्व के लगभग 70 फीसदी लोग कसाब को शक्ल और नाम से जानते होंगे। लगभग दो साल पहले देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई में हुए सबसे बड़े आतंकी हमले में जिंदा बचे इस अपराधी को हाल ही में विशेष न्यायलय ने मौत की सजा दी है। इस शैतान की रखवाली में देश के लगभग 30 करोड़ रूपये खर्च हो चुके है। ये वो पैसे है जो हम सर्विस टैक्स के रूप में सरकार को अदा करते है। हमारे ऊपर खर्च होने वाली रकम को कसाब जैसे जालिमों के ऊपर पानी की तरह बहाया जा रहा है। महज 2 सालों में करोड़ो की रकम मायने रखती है। ये बेहद चिंता की बात है। क्योंकि हम उस देश के वासी है जहां प्रति आदमी दिन में महज 20 रुपये ही कमा पाता है, दो जून की रोटी के लिए ना जाने कितना कष्ट सहता है। वहीं आतंकी कसाब हमारे ही लोगों की हत्या करता है और उसकी सेवा भी हमारे ही पैसों से हो रही है। दरअसल, कसाब पर पैसा बहाने का मतलब ये है कि विश्न में ये जाहिर हो सके कि भारत में सभी को न्याय पाने का अधिकार है उसे अपने पक्ष रखने की व्यवस्था है। चाहे समय कितना ही क्यों ना बीत जाये। अजमल आमिर कसाब ऐसा खूंखार आतंकी जो मुम्बई हमले में एक मात्र जीवीत बच पाया है। भारत ही नहीं पूरे संसार में इस आतंकी की करतूत हर मीडिया में आ चुकी है। विश्व के लगभग 70 फीसदी लोग कसाब को शक्ल और नाम से जानते होंगे। लगभग दो साल पहले देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई में हुए सबसे बड़े आतंकी हमले में जिंदा बचे इस अपराधी को हाल ही में विशेष न्यायलय ने मौत की सजा दी है। इस शैतान की रखवाली में देश के लगभग 30 करोड़ रूपये खर्च हो चुके है। ये वो पैसे है जो हम सर्विस टैक्स के रूप में सरकार को अदा करते है। हमारे ऊपर खर्च होने वाली रकम को कसाब जैसे जालिमों के ऊपर पानी की तरह बहाया जा रहा है। महज 2 सालों में करोड़ो की रकम मायने रखती है। ये बेहद चिंता की बात है। क्योंकि हम उस देश के वासी है जहां प्रति आदमी दिन में महज 20 रुपये ही कमा पाता है, दो जून की रोटी के लिए ना जाने कितना कष्ट सहता है। वहीं आतंकी कसाब हमारे ही लोगों की हत्या करता है और उसकी सेवा भी हमारे ही पैसों से हो रही है। दरअसल, कसाब पर पैसा बहाने का मतलब ये है कि विश्न में ये जाहिर हो सके कि भारत में सभी को न्याय पाने का अधिकार है उसे अपने पक्ष रखने की व्यवस्था है। चाहे समय कितना ही क्यों ना बीत जाये। अजमल आमिर कसाब ऐसा खूंखार आतंकी जो मुम्बई हमले में एक मात्र जीवीत बच पाया है। भारत ही नहीं पूरे संसार में इस आतंकी की करतूत हर मीडिया में आ चुकी है। विश्व के लगभग 70 फीसदी लोग कसाब को शक्ल और नाम से जानते होंगे। लगभग दो साल पहले देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई में हुए सबसे बड़े आतंकी हमले में जिंदा बचे इस अपराधी को हाल ही में विशेष न्यायलय ने मौत की सजा दी है। इस शैतान की रखवाली में देश के लगभग 30 करोड़ रूपये खर्च हो चुके है। ये वो पैसे है जो हम सर्विस टैक्स के रूप में सरकार को अदा करते है। हमारे ऊपर खर्च होने वाली रकम को कसाब जैसे जालिमों के ऊपर पानी की तरह बहाया जा रहा है। महज 2 सालों में करोड़ो की रकम मायने रखती है। ये बेहद चिंता की बात है। क्योंकि हम उस देश के वासी है जहां प्रति आदमी दिन में महज 20 रुपये ही कमा पाता है, दो जून की रोटी के लिए ना जाने कितना कष्ट सहता है। वहीं आतंकी कसाब हमारे ही लोगों की हत्या करता है और उसकी सेवा भी हमारे ही पैसों से हो रही है। दरअसल, कसाब पर पैसा बहाने का मतलब ये है कि विश्न में ये जाहिर हो सके कि भारत में सभी को न्याय पाने का अधिकार है उसे अपने पक्ष रखने की व्यवस्था है। चाहे समय कितना ही क्यों ना बीत जाये। अभा कसाब पर करीब 30 करोड़ रुपये का खर्च हो चुका है। आगे ना जाने उसे कितने साल और लग जाये। इस दौरान आम आदमी के सर्विस टैक्स का पैसा कसाब पर व्यय होगा। कितना जायज है। बड़ा सवाल है। कसाब पर इतना पैसा ख्रर्च कर क्या भारत को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर लाभ हो पायेगा?
सूरज सिंह।
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8.5.10
कितना फायदा हो पायेगा देश को?
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3 comments:
Sabse bade sharm ki baat to ye hai ki.. jis terrorist ne itne logo ko mara aur jise saaf-saaf gun liye tv par sab logo ne dekha.. use bhi saja dene me 2 saal lag gaye.
agar ye america me hota to dusre din use fasi par latka diya jata. jab world trade center par hamla hua to USA ne IRAQ par hamla kar diya..lekin hamara desh to shantipriya desh hai. ab aur kya kahu
bahut accha ... nice to see u at bhadas
दिल नाउम्मीद तो नहीं , नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम , मगर शाम ही तो है
http://rituondnet.blogspot.com/
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