166 बेगुनाह लोगों की मौत व 350 को घायल करने का षडयंत्रकारी आरोपी जालिम दहशतगर्द मोहम्मद अजमल आमिर कसाब फांसी की सजा के खिलाफ बड़ी अदालत जाने की तैयारी में है। देश को आर्थिक चोट वह अब भी दे रहा है उस पर अब तक 30 करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुके हैं। कानून ही ऐसा है कि उसे अभी पालना पड़ेगा। यह सब जख्मों को झेल रही जनता की ही जेब से जायेगा। देश के 70 फीसदी से भी ज्यादा लोग पाकिस्तानी राक्षस या यूं कहंे आतंकवाद की हांडी के सड़े हुए ‘चावल’ कसाब को नाम व शक्ल से जानते हैं। इसे विशेष अदालज के माननीय न्यायाधीश एम.एल. तहलियानी देश को आर्थिक चोट हमले से भी मिली ओर कसाब से भी। क्योंकि इस कसाब पर अब तक सरकार के 30 करोड़ रूपये खर्च हो चुके हैं। उसे सुविधाओं के बीच जिंदा रखना मजबूरी जरूर है, लेकिन यह भी सच है कि देश के लाखों लोगों को प्रतिदिन दो जून की रोटी भी नसीब नहीं होती। अब वह सजा के खिलाफ बड़ी अदालत में जाने की तैयारी कर रहा है। अभी तो उसे पालना भी पड़ेगा। यह खर्च भी करोड़ों में ही होगा। यह अरब में भी पहुंच जाये, तो ताज्जुब नहीं होगा, क्योंकि भारत की कानूनी व्यवस्था ही ऐसी है। यह खर्च पाकिस्तान नहीं देगा बल्कि भारत की जनता की जेब से ही होगा। सच तो ये है कि अब कभी न खत्म होने वाला इंतजार चलेगा। जब जनता ही सारे दर्द सहने को मजबूर है, तो फिर क्यों न उसे जनता के ही हवाले कर दिया जाये। जनता फैंसला खुद कर देगी। कुछ इस तरह कि आगे से कोई आतंकवादी तिरछी नजर डालने की जुर्रत नहीं करेगा।
20.9.10
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5 comments:
ऐसा करने के लिए नेताओं के पिछवाड़े में दम भी तो होना चाहिए… :) :)
बिलकुल जी आपसे सहमत हैं। धन्यवाद।
बेबाक़ बयानी
उसे नरीमन पॉइंट पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा देनी चाहिये।
डॉ.ओम
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