लेखक: श्री नरेश मिश्र
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हमारे परम आत्मीय, जाने माने पत्रकार ने दिल्ली से फोन किया । फोन पर उनकी बात सुन कर हमें काठ मार गया । वे कह रहे थे, ‘कांग्रेस ने अपने पैर पर कलमाड़ी मार लिया ।’ उनकी बात सुन कर हमें जिंदगी में पहली बार कांग्रेस पर तरस आया । वे पत्रकार चटखारे लेकर एक लतीफा सुनाने लगे - आज की ब्रेकिंग न्यूज । वी. एच. पी. के आशोक सिंघल ने बयान जारी कर कहा है कि वे अयोध्या में रामजन्मभूमि पर एक भव्य मस्जिद बनाने को तैयार हैं । देश के सारे हिंदू-मुस्लिम भाई इस पुनीत कार्य में सहयोग करेंगे । शर्त यह है कि मस्जिद बनाने का ठीका सिर्फ और सिर्फ कलमाड़ी को दिया जाये । यह शर्त मंजूर नहीं है तो सिंहल सुप्रीमकोर्ट में विवादित जमीन के दावे पर अड़े रहेंगे ।
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यह बयान सुन कर कांग्रेस को यकीनन असीमानन्द होना चाहिये । वैसे कांग्रेस को असीमानन्द तो पहले ही हो चुका है । यह असीमानन्द हासिल करने का दूसरा मौका बिल्ली के भाग्य से छींका टूटने जैसा है । बूढ़ा सन्यासी हाथ लगा है । उसके कंधे बहुत मजबूत हैं । वह अपने कंधों पर समझौता ब्लास्ट, अजमेर ब्लास्ट, मालेगांव ब्लास्ट और मक्का मस्जिद ब्लास्ट का बोझ बड़े आराम से ढो सकता है । सरकार का जी इतना बोझ डालने से न भरे तो वह शीतला घाट धमाके का बोझ भी इस सन्यासी के कंधों पर डाल सकती है । मुर्दे पर चाहे चार मन मिट्टी डालो या दस मन । उसे कोई फर्क नहीं पड़ता ।
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असीमानन्द की यह अवस्था कांग्रेस को ब्रह्मानन्द तक पहुंचा सकती है । पड़ोसी परसने वाला हो और रात अंधेरी हो तो खाने वालो को मजा आता है । सी बी आई, ए टी एस, और एन आई ए परस रही है । कांग्रेस सरकार दोनों हाथों से खा रही है । संस्कृत के सुभाषितकारों ने कहा है - वुभुक्क्षितः किं द्धिकरेण भुंक्ते ! भूखा क्या दोनों हाथों से खाता है । लेकिन कांग्रेस सत्ता की भूखी है । उसे दोनों हाथों से खाने में कोयी परहेज नहीं है ।
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असीमानन्द का कसूर माफी के काबिल नहीं था । चालाक ईसाई जंगली इलाके में जाल बिछाये बैठे हैं । वे हिंदू मछलियों का शिकार कर रहे हैं । कांग्रेस चाहती है कि इन शिकारियों के काम में कोयी आड़े न आये । आड़े आने वाला सरकारी कानूनों का शिकार हो जायेगा । बात सिर्फ इतनी है । इसे बढ़ा चढ़ा कर अफसाना बनाने की जरूरत नहीं । ईसाई हिंदुओं को जाल में फंसायेंगे, कट्टर दहशतगर्द मुस्लिम ईसाईयों को अपना निशाना बनायेंगे । बेचारा हिंदू इन दो बेहद खुंखार लड़ाकों के बीच फंस कर बेगुनाह मर जायेगा । उसका गुनाह इतना है कि उसने अपने पैर पर खुद ही कांग्रेस की कुल्हाड़ी मार ली है ।
2 comments:
bahut h acchh kaha h jawab nahi mere dost bahut khub
very very nice post
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