नेता जी का बाबा से सवाल !
बाबा अब सिखला रहे आसन का नया रूप ,
रखो तुम आँखें खुली ;मत बनो कूप-मंडूक ,
हम पर क्यों हैं कर रहे बाबा अत्याचार ?
नेता भ्रष्ट न हो अगर फिर काहे की सरकार !
शिखा कौशिक
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
Labels: politician
1 comment:
baba ne liya hai ek naya avtar,
ab neta ji rahenge bin bangla bin kar.bahut achcha likhti hain aap.
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