आज के राजनैतिक [जिसमे कुछ भी नैतिक नहीं है] हालातों में अपने नेताओं के आचरण पर वाकई क्रोध आता है .एक और गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उपवास के आयोजन पर करोड़ों रूपये बहा दिए ;दूसरी ओर पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लाल कृष्ण आडवानी जी 50 लाख के रथ में सवार होकर नंगी -भूखी जनता को जगाने-सचेत करने के लिए निकले पड़ें हैं . जो सत्ता में हैं वे तो भ्रष्ट हैं ही पर जो सत्ता से बाहर हैं उनका आचरण भी यह नहीं दर्शाता कि ये हमें एक स्वच्छ व् ईमानदार सरकार प्रदान कर सकेंगें .रथ-यात्रा पर निकले व् सत्तासीन सभी नेताओं से जनता को यह कहने व् पूछने का पूरा हक़ है -
जनता का हक़ है ये पूछे क्या तुम करते हो ?
जनता के पैसे से क्यों तुम जेबे भरते हो ?
कितने खाते स्विस बैंक में गद्दारों तुमने खोले ?
फांसी पर लटका देंगे जो अब भी सच ना बोले .
नाम गरीबों का लेकर 'पैकेज ' का रुपया खाते ;
बेहतर होता इससे पहले डूब के तुम मर जाते .
लाखों मरे किसान देश के ;रोटी के हैं लाले ;
तुम ही जिम्मेदार हो इसके ;कर लो अब मुंह काले .
जनता जाग उठी है तोड़ेगी चुप्पी के ताले ;
पकड़ के गर्दन पूछेगी ''क्यूँ करते हो घोटाले ?
क्या आज के नेता इनमे से एक भी सवाल का जवाब दे पाएंगे ?........
जय हिंद !
शिखा कौशिक
2 comments:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति, आभार .
bhai wah, kyaa andaaz aur kyaa tevar hain. bahut khoob.
maqbool
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