सत्य लगे कड़वा तो करना माफ़ ;
देश की गुलामी का रास्ता साफ़ .
मालिक फिरंगी और देशी मजदूर ,
खाने को पाओगे कटहल भरपूर .
तुम ही उत्पादक और तुम ही बाज़ार ,
चलो यार , फिर -से वो नुस्खा तैयार .
लेलो कमीशन गद्दारी का हाफ;
देश की गुलामी का रास्ता साफ़ .
देश की गुलामी का रास्ता साफ़ .
मालिक फिरंगी और देशी मजदूर ,
खाने को पाओगे कटहल भरपूर .
तुम ही उत्पादक और तुम ही बाज़ार ,
चलो यार , फिर -से वो नुस्खा तैयार .
लेलो कमीशन गद्दारी का हाफ;
देश की गुलामी का रास्ता साफ़ .
4 comments:
Gangaaprasaadji , aur kar bhee kyaa sakataa hoon?
wah kya likha aapne muh ki baatcheen li apne,apni bhadas ko line me kya utara hai
मजा आ गया डॉ. ओ पी पांडे साहब... नये वर्ष की शुभकामना भी स्वीकार कर लीजिये।
Dhanyawaad! Dr O P Verma , Navavarsh kee shubhakaamanaayen aapako bhee .
Post a Comment