कोरोना को लेकर मौजूदा व्यवस्था पर व्यंग्य
शिवाजी राय
कोरोना का भला नहीं होने वाला है...कोरोना ने लोगों से क्या क्या नहीं छीन लिया...अर्से बाद मेरे एक मित्र शादी के बंधन में बंधने जा रहे थे..कि बीच में कोरोना आ धमका...और उनके गुलाबी सपनों पर 20 सेकेंड तक डिटर्जेंट मल कर चला गया...अब मित्र के बचे खुचे ख्वाब भी क्वरंटिन हो चले हैं...
शिवाजी राय
कोरोना का भला नहीं होने वाला है...कोरोना ने लोगों से क्या क्या नहीं छीन लिया...अर्से बाद मेरे एक मित्र शादी के बंधन में बंधने जा रहे थे..कि बीच में कोरोना आ धमका...और उनके गुलाबी सपनों पर 20 सेकेंड तक डिटर्जेंट मल कर चला गया...अब मित्र के बचे खुचे ख्वाब भी क्वरंटिन हो चले हैं...