ब्लागिंग को अपने उंगलियों पर नचाने की महत्वाकांक्षा रखने वाले मठाधीशों के खिलाफ भड़ास द्वारा शुरू की गई जंग रंग दिखाने लगी है। मठाधीशों के सरगना अविनाश ने जंग की पहल खुद की। भड़ास पर बैन लगाने संबंधी मांग करते हुए एक पोस्ट अपने ब्लाग पर डाली। उसने न सिर्फ अपने ब्लाग पर डाली बल्कि कुछ चिलांडुओं के साथ बैठकर साजिश भी की और उन्हें भी उकसाया कि वे भी एक साथ अपने अपने ब्लागों पर भड़ास को बैन करने संबंधी पोस्ट डालें। मुझे चिलांडुओं से कोई लेना देना नहीं है क्योंकि सारा खेल सरदार करता है। और सरदार है अविनाश। जिसने अपने पूरे करियर में सिर्फ अवसरवादिता और महत्वाकांक्षा का खेल खेला है और वही खेल दुहराकर ब्लागिंग का शहंशाह बन जाने क भ्रम पाल बैठा है। उसने अपने करियर में दोस्तों, मित्रों और विचारधारा का सिर्फ और सिर्फ अपने करियर के ग्रोथ के लिए इस्तेमाल किया। उसी महत्वाकांक्षा और मठाधीशी को बढ़ाने के इरादे से भड़ास को खत्म करने की सद्दाम हुसैनी साजिश रच डाली। पर इतिहास गवाह है कि सद्दाम हुसैन का क्या हश्र हुआ? उसे अंत में गुफा में छिपना पड़ा और फांसी पर लटकना पड़ा। हम तो ये नहीं चाहते कि किसी को फांसी हो पर हम चाहते हैं कि वो अपनी करतूतों को भड़ास के आइने में देखकर खुद अपने से शर्मा जाए और घृणा करने लगे।
जब उसने पहली गलती की भड़ास को बैन करने संबंधी पोस्ट अपने ब्लाग पर डालने की तो भड़ास ने इसका करारा जवाब देते हुए उसके ब्लाग को भी बैन करने की मुहिम चलवाई क्योंकि उसने महिलाओं पर गंभीर बहस का नाटक कर एक कुत्सित और अश्लील तस्वीर अपने ब्लाग पर लगा रखी है। साथ ही हमने अविनाश के भड़ास विरोधी अभियान के पीछे असली वजहों का खुलासा कर दिया। इससे बौखलाकर अविनाश ने एक और बड़ी गलती कर दी है जो अब उसके गले की फांस बनने वाली है।
ये दूसरी गल्ती यह कि उसने अपने ब्लाग पर मेरे खिलाफ अनाम माने एनानिमस नाम से ऐसी बातें खुद लिख डालीं हैं जिसे थोड़ी भी गैरत वाला व्यक्ति अपने ब्लाग पर न तो लिख सकता है और न पब्लिश कर सकता है। पर अविनाश जैसे गिरे हुए इंसान, धूर्त आदमी, मक्कार व्यक्ति और मठाधीशी की महत्वाकांक्षा पाले व्यक्ति से इससे ज्यादा उम्मीद भी नहीं की जा सकती। हालांकि उसने मुझसे निजी चैट में माफी मांगी है इस हरकत पर और उसने कबूल किया है कि ये अनाम कमेंट उसी ने लिखे हैं क्योंकि वह नाराज था। (देखें नीचे चैट वाली पोस्ट)।
पर उसे यह नहीं पता कि वो अगर नरक में गिरकर जंग लड़ना चाह रहा है, बिलो द बेल्ट प्रहार कर लड़ाई लड़ना चाह रहा है अनाम नाम से तो हम वहीं नरक में पहुंचकर अनाम नाम से नहीं बल्कि खुद के नाम से जंग लड़ेंगे और उसकी गर्दन को दबोचेंगे। उसकी मठाधीशी की महत्वाकांक्षा को तो तार-तार करेंगे ही, उसके जीवन के सारे कूड़े कचड़े को सरेआम कर देंगे। इसी मिशन के तहत भड़ास ने मुहिम शुरू की है। नीचे लिखी एक पोस्ट में, जिसमें मैंने आपसे अपील की है कि अगर आप अविनाश से किसी भी तरह प्रताड़ित या दुखी रहे हैं, तो मुझे फोन करिए, सारी बातें नोट कराइए, या मेरी मेल आईडी पर खुद लिखकर मेल कर दीजिए, इन सारे कच्चे चिट्ठों को कल दो मार्च से सिरीज में प्रकाशित करेंगे।
मेरे पास कुछ साथियों के मेल आए हैं। मैं उनका आभार प्रकट करता हूं और उनकी हिम्मत की दाद देता हूं जो उन्होंने अपने नाम से ही अविनाश की करतूतों को, जो मेल से मेरे पास भेजा है, छापने का अनुरोध किया है। ऐसे बहादुर इंसानों की एकता की बदौलत ही झूठ की नींव पर खड़े मोहल्लों का नाश कर देंगे।
तो दोस्तों, ब्लागिंग के मठाधीश को एक धक्का और दो...के अभियान में आप सभी को आमंत्रण भेजता हूं। आप चाहें जिस धर्म, जाति, क्षेत्र, विचारधारा या संप्रदाय से जुड़ें हों, अगर आप सिर्फ एक मुद्दे, ब्लागिंग के मठाधीश अविनाश को नेस्तनाबूत करना, के अभियान में भड़ास का साथ देना चाहते हैं, तो आपका स्वागत है। मुझे आपके मेल, आपके सुझाव, आपके गाइडेंस का इंतजार रहेगा।
अगर आप कुछ लिखना कहना चाहते हैं तो पहले मुझे मेल करें ताकि उसे मठाधीश को नेस्तनाबूत करने के अभियान की सीरिज वाली पोस्टों का पार्ट बना सकूं।
मेरी मेल आईडी है yashwantdelhi@gmail.com
जय भड़ास
यशवंत सिंह
1.3.08
ब्लागिंग के मठाधीश को एक धक्का और दो, उसके कच्चे चिट्ठे को खोल दो
Posted by यशवंत सिंह yashwant singh
Labels: अविनाश, नेस्तनाबूद, पाबंदी मुहिम, भड़ास, मठाधीशों से पंगा
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1 comment:
are guru bahut ho gya ab bs kijiye...aur bhi gm hain jmane me ...nya bjt aa gya...maf kijiye ve nhi jante ve kya kr rhe hain...aap kuchh nya kijiye...hme sbki asmita aur abhivykti ka smman krna chahie...gussa thukiye...nya surj nikl aaya hai...nayee ladaee honi hai
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