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8.4.08

तेरा क्या है तेरे पास

आज हुए अपने सहकर्मी भारतभूषण अरोरा के असामियक निधन के अवसर पर ये शब्दांजलि-

कच्चे कपूर-सा मन तन की पंखुरियां तोड़ गया
मिली वायु से वायु मचलकर साथ सघन का छोड़ गया
हिम ने पाया जल सिंधु से बादल ने पानी सागर से पाया
जिससे लिया उसे लौटाया जिसने दिया उसीने पाया
धरती मांग रही है माटी पवन मांग रहा आकाश
तेरा क्या है तेरे पास, रे मन क्यों होता आज उदास?
पं.सुरेश नीरव
मो.९८१०२४३९६६

3 comments:

अनिल भारद्वाज, लुधियाना said...

Jeevan arth hai,Mrituy Sath hai.
May God give peace to soul of Mr. Arora and strength to his family to face this hard time.

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

ईश्वर भारतभूषण को चिरशान्ति और उनके परिवारीजनों को धैर्य दे....

अबरार अहमद said...

समाचार दुखद है। मैं ईश्वर से कामना करता हूं कि भाई भारतभूषण को वह स्वर्ग नसीब अता फरमाए। खुदा भारतभूषण भाई के परिजनों को ताकत दे कि वह यह क्षति सह सकें।