मौसम प्यार का हो गया हाईटेक
प्रेम की भाषा मैसेजिंग , चैटिंग और मेलअब बादल नहीं ले जाते संदेश
पत्र की भेष में एस एम एस
जज़्बात नही जिस्म बोलते हैं
सिर्फ जिस्म नहीं ! दिल रोज बदलते हैं
वे दिन थे जब प्रेमिका देती थी काढायीदार रुमाल
जिसमें होता था प्यार का अलग खुमार
कूल है हम फिर भी फूल है ?
क्योंकि , आत्मीयता ,आवेग और प्रतिबद्धता की बत्ती गुल है ।
6.6.08
हाईटेक प्यार का मौसम
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1 comment:
सत्येन्दर भाइ,
वाह वाह, कमाल का है ये हमारा हाई टेक प्रेम ओर इसका खुमार।
आपको बहुत बहुत बधाई
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