बेहतर होता यदि आप इस मैसेज को इस महान देश के राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,सुप्रीम कोर्ट और इस महान देश के चौथे स्तंभ सबसे तेज चैनलों को भेजते.यदि आप इसे टेक्स्ट के रूप उपलब्ध करा दें तो यह कार्य करने में मुझे अत्यंत घ्रिणा होगी.
भाई आम आदमी,पहली बार देख रहा हूं खुश हो रहा हूं कि चलो आम आदमी बोला तो..... अगर इस चार पन्ने की लिखावट से राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट आदि पर कोई फर्क पड़ता तो जस्टिस आनंद सिंह के घर जाकर देखिये उनका विगत तेरह सालों में लिखा हुआ बोरों में भरा पड़ा है,ये सुअर हैं आप इनसे कोई उम्मीद न करें बल्कि स्वयं गंदगी में झाड़ू लेकर सफाई के लिये उतरिये.... जय जय भड़ास
मृत्यु भाई, इस लेख की और इसके विचार कि जरूरत हमारे देश के लोकतंत्र के किसी पाये को नही है, उनके लिए ये रद्दी से ज्यादा नही, विचार और भावना के साथ इमानदारी लुप्त होती जा रही है, और हाँ डॉक्टर साहब आप हमेशा से सूअर के पीछे पड़े रहते हैं और सुअरो का मिलान इन बेहद गलीज कीडे से कर देते हैं, देखियेगा एक दिन सारे सूअर आपके ख़िलाफ़ हड़ताल कर देंगे. जय जय भड़ास
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बेहतर होता यदि आप इस मैसेज को इस महान देश के राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,सुप्रीम कोर्ट और इस महान देश के चौथे स्तंभ सबसे तेज चैनलों को भेजते.यदि आप इसे टेक्स्ट के रूप उपलब्ध करा दें तो यह कार्य करने में मुझे अत्यंत घ्रिणा होगी.
भाई आम आदमी,पहली बार देख रहा हूं खुश हो रहा हूं कि चलो आम आदमी बोला तो..... अगर इस चार पन्ने की लिखावट से राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट आदि पर कोई फर्क पड़ता तो जस्टिस आनंद सिंह के घर जाकर देखिये उनका विगत तेरह सालों में लिखा हुआ बोरों में भरा पड़ा है,ये सुअर हैं आप इनसे कोई उम्मीद न करें बल्कि स्वयं गंदगी में झाड़ू लेकर सफाई के लिये उतरिये....
जय जय भड़ास
मृत्यु भाई,
इस लेख की और इसके विचार कि जरूरत हमारे देश के लोकतंत्र के किसी पाये को नही है, उनके लिए ये रद्दी से ज्यादा नही, विचार और भावना के साथ इमानदारी लुप्त होती जा रही है,
और हाँ डॉक्टर साहब आप हमेशा से सूअर के पीछे पड़े रहते हैं और सुअरो का मिलान इन बेहद गलीज कीडे से कर देते हैं, देखियेगा एक दिन सारे सूअर आपके ख़िलाफ़ हड़ताल कर देंगे.
जय जय भड़ास
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