सड़क पर लड़ते कुत्तों को देखकर
दिल मैं एक दर्द सो होता है
एक जाती के होने के बाद भी
लड़ते हैं ये
जैसे कोई राजनेता हों
सफ़ेद लिबास मैं लपेटे
देखे जा सकते हैं किसी
वातान्कुलित कर मैं
एक दुसरे पर गाली देते हुए
लगते हैं जैसे
सड़क के कुत्तों की तरहं
अन्तर इतना है की
सड़क के कुत्ते कटते कम
भोकते ज्यादा हैं
पर ये भोंकते भी हैं कटते भी हैं
बदल डालो इन्हें
हमको नही चाहिए सफाई
चिकनी चुपडी बातें
हमे चाहिए केवल
कुत्तों की वफादारी
देश के साथ
हमारे साथ
दे सकते हो तो दो
वरना रहने दो राज नेता कहलाने को ........
5.5.09
राजनेता .....
Posted by
Amod Kumar Srivastava
Labels: दिल से
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1 comment:
tathastu......
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