एक कशिस सी हे तेरी आँखों में
इन पलकों न झुकने दो
बीत जाता हे हर लम्हा
इन लम्हों को न जाने दो
डूब जाता हे हर शाम को सूरज
समय को न तुम थमने दो
जब आ जाती हे मेरी यादें
इन यादों को न रुकने दो
8.6.09
प्यार के लिए
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
एक कशिस सी हे तेरी आँखों में
इन पलकों न झुकने दो
बीत जाता हे हर लम्हा
इन लम्हों को न जाने दो
डूब जाता हे हर शाम को सूरज
समय को न तुम थमने दो
जब आ जाती हे मेरी यादें
इन यादों को न रुकने दो
No comments:
Post a Comment