नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा के इन्तजामों को और पुख्ता बनाने के लिए भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सात उपग्रहों का विकास कर रहा है। इसरो के प्रमुख जी.माधवन नायर ने रविवार को यहां बताया कि सुरक्षा सम्बंधी मसलों को ध्यान में रखते हुए इण्डियन रीजनल नेविगेशनल सैटेलाइट सिस्टम (आईआरएनएसएस) के तहत ये उपग्रह तैयार किए जा रहे हैं।
सतत रेडियो निगरानी होगी सुनिश्चित
आईआईटी दिल्ली के एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए नायर ने जानकारी दी कि प्रस्तावित व्यवस्था में सात उपग्रहों का बेडा होगा तथा इनकी निगरानी और संचालन के लिए जमीनी नियंत्रण प्रणाली भी स्थापित की जाएगी। नायर के मुताबिक इनमें से तीन उपग्रह तो भू-स्थैतिक कक्षा में और चार भू-स्थैतिक कक्षा के निकट स्थापित किए जाएंगे। इसरो प्रमुख ने कहा, इस व्यवस्था से भारतीय नियंत्रण केन्द्रों के साथ सातों उपग्र्रहों के जरिए सतत रेडियो निगरानी सुनिश्चित होगी। उन्होंने बताया कि सैटेलाइट के पैलोड आणविक घडियों और दिशासूचक संकेत देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से सज्जित होंगे।
इसरो प्रमुख ने कहा कि इस प्रणाली का उद्देश्य समूचे भारत और उसके आसपास का इलाका मिलाकर करीब 2000 वर्ग किमी दायरे में 20 मीटर से भी ज्यादा की सटीक स्थिति उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि इन उपग्रहों से दुर्गम इलाकों, पर्वतों और गहरे सागर तक पहुंच के साथ सीमाओं पर घुसपैठ का पता लगाने और निगरानी में मदद मिलेगी। हालांकि नायर ने इस प्रणाली के प्रभावशील हो जाने की समयसीमा के बारे में जानकारी नहीं दी।
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